कैसे मारा गया 8 पुलिसवालों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे? कानपुर पुलिस ने बताई पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे को UP STF ने मार गिराया गया है। कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में यह बड़ी पुलिसिया कार्रवाई है। विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम था। विकास दुबे के ढेर होने की खबर सुनकर उसके गांव वाले बेहद खुश हैं। ग्रामीणों ने कहा कि एक आतंकी चला गया। लोगों का कहना है कि विकास दुबे का 25 साल से एक ही काम था दूसरों की जमीनों पर कब्‍जा करना और किसी को भी उठा लेना।

पुलिस की माने तो उज्जैन से कानपुर लाते समय विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। इस दौरान एनकाउंटर हुआ और वह मारा गया। विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कानपुर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, '5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस और एसटीएफ टीम आज 10 जुलाई को कानपुर नगर ला रही थी। कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गए।'

कानपुर पुलिस के मुताबिक, 'इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा। पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की। इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया।'

पुलिस के अनुसार, घायल विकास दुबे को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान 5 लाख के इनामी विकास दुबे की मौत हो गई। कानपुर पुलिस की ओर से अभी बयान जारी किया गया है। इस बाबत कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है।

सड़क पर कीचड़ की वजह से पलटी कार

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाड़ी में ड्राइवर के अलावा तीन एसटीएफ के जवान थे। घटना के वक्त कानपुर में भौती इलाके में बारिश हो रही थी। बारिश हल्की थी। लिहाजा, संकरी सड़क पर कीचड़ की वजह से तेज रफ्तार गाड़ी पलटी। विकास पिछली सीट पर बीच में बैठा था। उसके दोनों तरफ एसटीएफ के जवान थे। गाड़ी पलटी तो विकास ने भागने की कोशिश की। एक पुलिसकर्मी की 9 एमएम की पिस्टल लेकर भागा। पलटकर गोली चलाई। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में एक गोली उसकी कमर और दूसरी सीने में लगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसटीएफ के 4 जवान भी इस घटना में घायल हुए हैं। इनमें से दो गाड़ी पलटने से जबकि दो अन्य विकास की तरफ से की गई फायरिंग में जख्मी हुए हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा - जिसका शक था वही हुआ

विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है, लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है? दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि मैं शिवराज जी से विकास दुबे की गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जांच की मांग करता हूं। इस कुख्यात गैंगस्टर के किस किस नेता व पुलिसकर्मियों से सम्पर्क हैं जांच होना चाहिए। विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि सारे राज़ सामने आ सकें।

अखिलेश ने ट्वीट कर कही ये बात


इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए तंज किया है। उन्होंने एक लाइन का ट्वीट किया है कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। बता दें कल ही अखिलेश ने यादव ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद तंज भरा ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, 'ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।'