हाथरस केस / पुलिस का दावा - दलित लड़की को इंसाफ दिलाने की आड़ में यूपी में दंगे कराने की थी साजिश

हाथरस कांड को लेकर लगातार जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार के द्वारा जिस एसआईटी का गठन किया गया था, उसने इस पूरे मामले में पूछताछ तेज कर दी है। एसआईटी की ओर से गुरुवार को ही गांव के करीब 40 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस सौंपा गया था, अब शुक्रवार को पूछताछ हो रही है। वहीं, हत्या के मामले की जांच रही एजेंसियों को इस पूरी घटना में एक बड़ी साजिश की आहट मिली है। जैसे-जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे इस मामले में कई चेहरे सामने आने लगे हैं। जांच एजेंसियों को इस पूरी घटनाक्रम में भीम आर्मी से लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) और विदेशी फंडिंग (Foreign Funding) से लेकर खनन माफिया तक से कनेक्शन जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं। यूपी पुलिस ने इन सबके बीच दावा किया है कि दलित लड़की को इंसाफ दिलाने की आड़ में यूपी में दंगा भड़काने की कोशिश की जा रही थी और इसके लिए विदेशों से पैसे भेजे जा रहे थे।

यूपी पुलिस ने दावा किया है कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में बड़ी साजिश को अंजाम देने की ​तैयारी थी। मामले की जांच में कई अहम जानकारियां मिलने के बाद पुलिस अब एक्शन में आ गई है और इस षड्यंत्र को अंजाम देने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। यूपी में शांति भंग करने करने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मुखपत्र के संपादक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

बता दें कि गिरफ्तार संपादक शाहीन बाग के पीएफआई दफ्तर का सचिव भी है। पुलिस उसे रिमांड पर लेना चाहती है, जिससे इस पूरे मामले की सही जानकारी का पर्दाफाश किया जा सके। जांच के बीच हाथरस में हिंसा फैलाने की इस साजिश में भीम आर्मी का नाम भी सामने आया है। जांच एजेंसियों को ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हाथरस की आड़ में पीएफआई और भीम आर्मी मिलकर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे।

इस मामले में विदेशी फंडिंग की बात सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले से जुड़े सभी संदिग्ध लोगों के बैंक ट्रांजेक्शन की जांच शुरू कर दी है। जांच में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि पीएफआई ने अपने इस षड्यंत्र में भीम आर्मी को शामिल किया और यूपी में दंगा फैलाने के लिए फंडिंग की। शुरुआती जांच में एक संदिग्ध के अकाउंट में भारी ट्रांजेक्शन हुआ है। अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों के अकाउंट की जांच की जा रही है। इसके साथ ही यूपी पुलिस को पश्चिमी यूपी के एक खनन माफिया के भी इस मामले में फंडिंग के सुराग हाथ लगे हैं।

डीआईजी हाथरस पहुंचे

वहीं, गांव में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है, चप्पे-चप्पे में पुलिसबल तैनात है। वहीं, पीड़िता के परिवार के घर के आसपास सीसीटीवी कैमरे से नज़र रखी जा रही है। एसआईटी की ओर से गांव वालों से घटना स्थल, घटना के बाद अंत्येष्टि स्थल के बारे में जानकारी ली जाएगी। उस वक्त घटनास्थल पर कौन-कौन मौजूद था और किसने क्या देखा। इस बीच शुक्रवार को ही डीआईजी शलभ माथुर हाथरस पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। शलभ माथुर ने कहा कि यहां आकर उन्होंने इंतजाम का जायजा लिया है, परिवार सुरक्षा से संतुष्ट है। बता दे, हाथरस की घटना के बाद पीड़िता के परिवार की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। परिवार का कहना है कि उन्हें गांव में खतरा है, ऐसे में वो गांव छोड़ना चाहते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से अब पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पर्सनल सुरक्षागार्ड्स के अलावा घर और गांव में पुलिस मौजूद है, साथ ही सीसीटीवी कैमरे से हर किसी पर नज़र रखी जा रही है।