लखनऊ: कार के पीछे जाति लिखवाना पड़ा महंगा, पुलिस ने काटा 500 का चालान

उत्तर प्रदेश सरकार ने गाड़ियों पर जातिसूचक शब्द लिखवाने पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है, जिसका असर भी दिखने लगा है। गाड़ियों पर जातिसूचक स्टीकर लगाने पर प्रतिबन्ध के बाद पहला चालान राजधानी लखनऊ की पुलिस ने काटा है। थाना नाका पुलिस ने जातिसूचक शब्द लिखने पर कानपुर के बिल्हौर निवासी आशीष सक्सेना की कार चालान काटा। कार के पीछे सक्सेना जी लिखा था। पुलिसकर्मी ने इसके लिए 500 रुपये का चालान काटा है।

पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक एक व्यक्ति नाका थाने क्षेत्र से होकर कानपुर जा रहा था। उसकी वैन का नंबर कानपुर का था इस दौरान पुलिसकर्मी एस आई दीपक कुमार ने वाहन चेकिंग अभियान के तहत चालक को रोका। क्योंकि उसकी गाड़ी के पीछे सक्सेना जी लिखा हुआ था।

जारी किए गए नए आदेश के अनुसार किसी भी गाड़ी पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। जिसके बाद उस गाड़ी चालक को नए आदेश के बारे में बताया गया और जातिसूचक शब्द हटाने को लेकर हिदायत दी गई। साथ ही नाम हटाने के लिए भी कहा गया। साथ ही कोविड-19 अधिनियम के तहत 500 रुपये का चालान किया गया है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था में जातीय समीकरण बेहद अहम माने जाते हैं। इसकी झलक दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर भी गाहे-बगाहे देखने को मिल जाती है। आमतौर पर लोग अपनी गाड़ियों के नेमप्लेट पर जाट, यादव, गुर्जर, क्षत्रिय, राजपूत, पंडित, मौर्य जैसे जाति-सूचक नाम लिखवा कर चलते हैं। लेकिन अब ऐसा करने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। यूपी सरकार अब जातिसूचक स्टीकर लगे होने पर गाड़ियों को सीज करने की कार्रवाई करेगी। साथ ही ऐसे वाहन मालिकों का चालान भी किया जायेगा।