सामने आई विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, एनकाउंटर में तीन गोलियां शरीर के आर-पार, जख्म के 10 निशान

कानपुर शूटआउट के मास्टरमाइंड विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। विकास दुबे का एसटीएफ की टीम ने 10 जुलाई की सुबह एनकाउंटर किया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि विकास के तीन गोलियां आरपार हुई थीं और शरीर में 10 जख्म थे। पहली गोली दाहिने कंधे और अन्य दो गोलियां बाएं सीने में लगी थीं। दाहिने हिस्से में सिर, कोहनी, पसली और पेट में चोटें आई थीं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे के दाहिने कंधे और सीने में बाईं तरफ से दो गोलियां आर पार हुई थीं। इसके अलावा तीन गोलियों के एंट्री पॉइंट मिले हैं। लिहजा विकास दुबे को एनकाउंटर में 6 गोलियां लगी थीं। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि गोली कितनी दूरी से मारी गई, लेकिन पोस्टमार्टम से एक बात तो साफ हो रही है कि उसने एसटीएफ से मुकाबला किया था, क्योंकि सभी गोली की एंट्री पॉइंट सामने से है। इसके अलावा भागने के दौरान गिरने से हुए जख्‍म की बात कही जा रही है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दस इंजरी का जिक्र है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह गोली लगने के बाद हैम्रेज और शॉक को बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि गोलियों से हुई इंजुरी मौत के लिए काफी थी।

गौरतलब है कि बिकरू गांव में 2-3 जुलाई की रात को गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई कानपुर पुलिस की टीम पर हमला हो गया था। इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। घटना के करीब एक हफ्ते बाद उसे उज्जैन से पकड़ा गया। यूपी एसटीएफ उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी। पुलिस के मुताबिक, कानपुर लाते वक्त एसटीएफ की एक गाड़ी पलट गई। इस दौरान विकास दुबे पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिसकर्मियों ने उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में विकास दुबे को ढेर कर दिया गया। विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर सवाल भी खड़े हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट अहम सुनवाई करेगा। याचिका में विकास दुबे के एनकाउंटर के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए गए हैं।