दिवाली के बाद UP में महंगी हो सकती है बिजली, कम खपत वाले उपभोक्ताओं पर पड़ेगी मार

यूपी की जनता को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन दिवाली के बाद बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है। 2020-21 के लिए बिजली दर क्या होगी, यह तय करने के लिए 6 नवंबर को नियामक आयोग ने राज्य सलाहकार समिति की बैठक बुलाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली इस बैठक में बिजली की दर, एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (ARR) पर चर्चा हो सकती है। ऐसे में खबर है कि इस बार पावर कॉरपोरेशन सीधे बिजली की दरें (Electricity Rate) न बढ़ाकर स्लैब में बदलाव कर रेट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कॉरपोरेशन ने राज्य विद्युत नियामक आयोग को एक प्रस्ताव भेजा है। अगर यह प्रस्ताव राज्य में लागू हो जाता है तो कम खपत वाले 80% घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली महंगी हो जाएगी, जबकि ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है। बिजली की बढ़ी हुई दरें अगले महीने से इसे लागू हो जाएंगी।

पावर कॉरपोरेशन ने शहरी घरेलू और ग्रामीण उपभोक्ताओं के स्लैब चार से घटाकर तीन करने का प्रस्ताव दिया है। इसमें पहला स्लैब 0-150 यूनिट की जगह 0-100 यूनिट करने को कहा गया है। वहीं, दूसरा स्लैब 151-300 की जगह 101-300 और तीसरा स्लैब 300 यूनिट से ऊपर का होगा। इसे मंजूरी मिलने पर 500 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों की जेब पर बोझ बढ़ेगा। बता दें कि प्रदेश में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो 500 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं।

ऐसे महंगी होगी बिजली

अगर कोई शहरी घरेलू उपभोक्ता 150 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करता है, तो उससे 5।50 रुपये/यूनिट की दर से बिल वसूला जाता है। इस हिसाब से उपभोक्ता को 825 रुपये बिजली का बिल देना होता है। नए स्लैब के अनुसार, उपभोक्ता को 100 यूनिट का 5.50 रुपये की दर से और बाकी की 50 यूनिट का 5.80 रुपये की दर से भुगतान करना होता है। इस हिसाब से उपभोक्ता का बिल 15 रुपये से बढ़कर 840 रुपये हो जाएगा। इसी तरह अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं पर भी बिजली बिल का बोझ पड़ेगा।