विदेशी फंडिंग के जरिए यूपी में जातीय दंगा भड़काने की कोशिश : योगी

हाथरस की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में है। विपक्ष द्वारा किए गए हमले के जवाब में मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक बार फिर विपक्ष पर प्रदेश में जातीय दंगा कराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। यूपी सीएम ने कहा कि इसमें विदेशी फंडिंग भी शामिल है, जिसका खुलासा हुआ है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी लोगों को दंगाग्रस्त यूपी चाहिए था, उनकी कोशिशें सफल नहीं हो रही हैं इसलिए हर कोई षडयंत्र रच रहा है। बीजेपी सरकार में सबको सुरक्षा और सबको सम्मान दिया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास हर द्वार तक पहुचाएंगे, लेकिन अराजकता की छूट किसी को नहीं मिलेगी और जो भी ऐसा करेगा उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। यूपी सीएम बोले कि हमारे लिए देश सर्वोपरि है, लेकिन विरोधी षडयंत्र रचने में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश में विदेशी फंडिंग के माध्यम से जातीय दंगों की साजिश रची हुई थी। एक हफ्ते में यही हो रहा है और माहौल बिगाड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान पार्टी ने वर्चुअल तरीके से कार्यकर्ताओं से बात की और पार्टी के काम को आगे बढ़ाया गया। सरकार की ओर से लोगों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों को ये पसंद नहीं है।

आपको बता दें कि सोमवार को ही यूपी सरकार की ओर से दावा किया गया था कि हाथरस की घटना की आड़ में प्रदेश में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रची जा रही थी। इसमें सरकार ने एक वेबसाइट से कुछ कंटेंट बरामद किया है, जबकि अब कई वेबसाइट बंद भी हो चुकी हैं।

बनाई गई 'जस्टिस फॉर हाथरस' वेबसाइट

पुलिस का दावा है कि हाथरस घटना के बाद रातों-रात एक वेबसाइट 'जस्टिस फॉर हाथरस' (Justice For Hathras) बनाई गई। वेबसाइट पर स्क्रीनशॉट में ब्रेकिंग न्यूज लिखकर मुख्यमंत्री योगी के गलत बयान प्रसारित किए गए, ताकि माहौल बिगड़े। इंटेलीजेंस से मिले इनपुट के आधार पर रविवार रात पुलिस ने वेबसाइट और इससे जुड़ी लोकेशन पर छापेमारी की। लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में केस भी दर्ज कराया गया। वेबसाइट पर स्क्रीनशॉट में ब्रेकिंग न्यूज लिखकर मुख्यमंत्री की फोटो के साथ बाकायदा उनका फर्जी बयान जारी किया गया। ये स्क्रीनशॉट वॉट्सऐप समेत अन्य सोशल मीडिया के अकाउंट पर शनिवार को तेजी से वायरल किए गए। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट फॉर इंडिया (पीएफआई) समेत कुछ अन्य संगठन प्रदेश में माहौल बिगाड़ने की लगातार साजिश कर रहे हैं। इस मामले में उनकी भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है।

लखनऊ के डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया कि चौकी प्रभारी (नरही) भूपेंद्र सिंह की शिकायत पर हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों की तलाश जारी है। साइबर सेल की टीम को भी जांच में लगाया गया है। जिस चैनल का स्क्रीनशॉट वेबसाइट पर लगाया गया, उससे भी जांच की गई। न्यूज चैनल ने इसका खंडन किया है। मुन्ना यादव नाम के बने अकाउंट से फेसबुक पर सीएम का एक फर्जी बयान पोस्ट किया गया था। इसमें सीएम की फोटो भी लगाई गई थी। इंस्पेक्टर (हजरतगंज) अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि मुन्ना यादव के खिलाफ अफवाह फैलाने, धोखाधड़ी, कूट रचना, सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम, कॉपीराइट अधिनियम, सीएम की तस्वीर का गलत प्रयोग करने के साथ-साथ आइटी एक्ट और कॉपीराइट एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

पुलिस का कहना है कि साजिश में पीएफआई समेत कुछ और संगठनों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। ऐसी ही फर्जी पोस्ट वायरल कर पीड़ित की जीभ काटने, अंग भंग करने और सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ाकर प्रदेश में नफरत फैलाने की कोशिश की गई। ऐसी अफवाहें फैलाने के लिए कई वैरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया। जांच एजेंसियां वैरिफाइड अकाउंट का भी ब्योरा तैयार कर रही हैं।