आरोपी ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, मरने-मारने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था : बलिया विधायक

उत्तर प्रदेश के बलिया में एसडीएम और सीओ के सामने गोली मारकर युवक की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह पुलिस की पकड़ से बाहर है। आरोपी भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी है। इस मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच बलिया से ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह ने आरोपी को लेकर बयान दिया है। विधायक ने कहा कि आरोपी ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। बलिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा, ‘धीरेंद्र सिंह अगर आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाया होता, तो कम से कम उसके परिवार के दर्जनों लोग मार दिए गए होते। जिस तरह से प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है, मैं आग्रह करूंगा कि दूसरे पक्ष की बात भी करें’।

बलिया विधायक ने कहा, ‘अगर आरोपी ने गोली चलाई तो वो आत्मरक्षा में चलाई है, ये अपराध हो सकता है लेकिन आत्मरक्षा के लिए ही लाइसेंस मिलती है। लेकिन उनके सामने मरने और मारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।’

गौरतलब है कि इससे पहले बलिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने ही बयान दिया था कि आरोपी धीरेंद्र सिंह उनका सहयोगी है। विधायक के मुताबिक, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में उसने पार्टी का सहयोग किया है, ऐसे में मैं कैसे कह दूं कि वो मेरा सहयोगी नहीं है।

मुख्य आरोपी का भाई गिरफ्तार, पुलिस ने घर की गाड़ी तोड़ी

गुरुवार रात पुलिस ने धीरेंद्र के घर पर छापा मारा, लेकिन कोई नहीं मिला। आरोपी के घर के बाहर खड़ी गाड़ी तोड़ दी गई। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई गई है। डीआईजी आजमगढ़ गांव में कैंप कर रहे हैं। डीएम श्रीहरि प्रताप ने बताया कि एफआईआर में नामजद मुख्य आरोपी का भाई गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक पांच गिरफ्तार हुए हैं। धीरेंद्र सिंह ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से हत्या की है। सभी आरोपियों का लाइसेंस रद्द किया गया जाएगा। उधर, गांव में पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग को लेकर गांव के लोग धरने पर बैठ गए हैं।

आपको बता दें कि गुरुवार को दुर्जनपुर व हनुमानगंज में सरकारी कोटे की दो दुकानों के लिए पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई थी। एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिये 4 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया था।

दुर्जनपुर की दुकान के लिए दो समूहों के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि वोटिंग वही करेगा, जिसके पास आधार या कोई दूसरा पहचान पत्र होगा। एक पक्ष के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं था। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। तभी जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को धीरेंद्र ने ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दीं और वहां सेर फरार हो गया।

हालांकि, स्थानीय डीएम का दावा है कि पुलिस आरोपी की तलाश में लगी है और अभी तक इस मामले में सात लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। गोलीकांड के मामले में कुल आठ नामजद और 25 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।