शोध में खुलासा, कोरोना वायरस मरे जानवर की चमड़ी पर 4 दिन और फ्रिज में रखे मीट में 15 दिन तक रहता है जिंदा

जानवर की स्किन पर 4 दिन और फ्रिज में रखी सुअर की स्किन में यह 2 हफ्तों तक जिंदा रह सकता है कोरोना। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने रिसर्च में यह बात कही है। रिसर्च का लक्ष्य फूड इंडस्ट्री, मीट प्रोसेसिंग और रेफ्रिजरेटेड प्रोडक्ट के बारे में लोगों को कोरोनाकाल में नए खतरों से वाकिफ कराना था। रिसर्च करने वाले युनाइटेड स्टेट्स आर्मी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिसीज के मुताबिक, मीट प्लांट्स से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। शोधकर्ता डॉ डेविड हारबर्ट के मुताबिक, अगर टेस्टिंग नहीं होती है तो मांसाहारी भोजन के पैकिंग प्लांट्स से कोरोना फैलने का खतरा रहेगा। शोधकर्ता डॉ डेविड के मुताबिक, अगर तापमान बढ़ता है तो वायरस तेजी से मरता है। रूम टेम्प्रेचर (22 डिग्री सेल्सियस) पर सुअर की स्किन में कोरोना वायरस 4 दिन तक मौजूद रहा और सैम्पल पॉजिटिव आया। जबकि गर्मी में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होने पर ये मात्र 8 घंटे तक रहा।

- कोरोना के संक्रमण को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने सुअर की स्किन पर वायरस डाले और उसे 4 डिग्री सेल्सियस पर रखा। इतने तापमान पर यह मार्केट में स्टोर की जाती है। इस दौरान देखा गया कि वायरस की लाइफ आधी रह गई। यहां 4 दिन तक वायरस जिंदा रहा।

- इसके बाद सुअर की स्किन को फ्रीजर में रखा गया तो सामने आया कि 2 हफ्तों तक वायरस को आसानी से ढूंढा जा सकता है। शोधकर्ता डॉ। डेविड हारबर्ट के मुताबिक, अगर कर्मचारी एसिम्प्टोमैटिक या सिम्प्टोमैटिक है तो दोनों ही स्थिति में उससे निकले ड्रॉप्लेट्स मीट और दूसरी सतह पर कई दिनों तक टिके रह सकते हैं।

- डॉ डेविड के मुताबिक, संक्रमण को रोकने के लिए गहरी सफाई बेहद जरूरी है। खाने की पैकिंग को भी सैनेटाइज करके संक्रमण को रोका जा सकता है।

अमेरिकन मिलिट्री ने पिछले महीने बीजिंग में फैले संक्रमण का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में सामने आया कि कोविड-19 के 300 से अधिक मामले ऐसी फूड मार्केट से जुड़े थे जहां देश-दुनिया से मीट और सब्जियां आती हैं। चीनी प्रशासन ने भी यह बात कुबूली थी कि विदेश से आए फ्रोजेन मीट के जरिए कोरोना बाजार में फैला।