आतंकी मसूद की ढाल बना चीन तो US ने चेताया कहा - अगर इसी तरह बचाता रहा तो और सख्त तरीके अपनाएंगे

पड़ोसी देश चीन एक बार फिर जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर अडंगा लगा दिया है। जिसके बाद भारत ने कठोर आपत्ति दर्ज कराई है। भारत के साथ अमेरिका भी आ गया है। अमेरिका की ओर से यूएनएससी में कड़ा बयान दिया गया कि अगर चीन लगातार इस तरह की अड़चन बनता रहा, तो जिम्मेदार देशों को कोई और कदम उठाना पड़ेगा। सख्त भाषा का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका ने कहा कि अगर इसी तरह चीन मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाता रहा तो सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों को सख्त रुख अपनाना पड़ेगा। लेकिन हालात यहां तक नहीं आने चाहिए।

अमेरिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान चीन की मदद से कई बार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाता रहा है। ये चौथी बार है जब चीन ने इस तरह से मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाया है।

वही भारत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ''एक देश की वजह से जो नतीजा सामने है वो निराश करने वाला है लेकिन मसूद अजहर के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी। हम निराश हैं लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि ये तय किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए।''

दरहसल, अमेरिका, फ्रांस ब्रिटेन के अलावा रूस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य है, इन पांचों देशों को वीटो का अधिकार है। अगर कोई एक सदस्य भी वीटो का इस्तेमाल करता है तो प्रस्ताव खारिज हो जाता है। मौजूदा प्रस्ताव के विचाराधीन रहने तक मसूद अजहर को लेकर कोई नया प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में नहीं आ सकता। साफ है कि चीन ने एक बार फिर मसूद को कम से नौ महीने के लिए ग्लोबल आतंकियों की फेहरिस्त में शामिल किए जाने से बचा लिया है।

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के लिए भारत की कोशिशों को दुनिया के कई बड़े देशों का साथ मिला था।

आपको बता दें कि चीन के द्वारा मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से रोक लगाने पर सोशल मीडिया पर काफी गुस्सा है। भारत में लोग #BoycottChina ट्रेंड कर रहे हैं और चीन के सामानों का विरोध कर रहे हैं।

ग्लोबल आतंकी घोषित से क्या होता?

भारत सरकार पिछले कई सालों से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील कर रहा है लेकिन हर बार उसे चीन बचा लेता है। ग्लोबल टैररिस्ट घोषित होने के बाद मसूद अज़हर किसी भी देश में यात्रा नहीं कर पाता। पूरी दुनिया में मसूद की संपत्तियां जब्त कर ली जाती। मसूद किसी भी देश से हथियार नहीं खरीद पाता और सबसे बड़ी बात इसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने खुलकर मसूद अज़हर का बचाव नहीं कर पाता।

कौन है आतंक का आका मसूद अजहर?

गौरतलब है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है। जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार भी अजहर का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ही था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।