रेप रोके नहीं जा सकते, इतने बड़े देश में एक-दो घटना हो जाए तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए : केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार

उन्नाव, कठुआ, सूरत, इंदौर और भी न जाने कितने शहरों में आए दिन छोटी-छोटी बच्चियों के साथ अपराध और यौन शोषण से जुड़े मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। वहीं मोदी सरकार में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने एक बेतुका बयान दिया है। उनका मानना है कि इतने बड़े देश में अगर एक-दो रेप के मामले हो जाते हैं तो इतना बवाल नहीं मचाना चाहिए। बात का बतंगड़ नहीं मनाना चाहिए। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए संतोष गंगवार ने यह बात कही। एक पत्रकार ने उनसे देश में रेप की घटनाओं पर सवाल पूछा था जब जवाब में उन्होंने कहा ‘ऐसी घटनाएं (बलात्कार के मामले) दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं पर कभी-कभी रोका नहीं जा सकता है। सरकार सक्रिय है सब जगह, कार्रवाई कर रही है। इतने बड़े देश में एक-दो घटना हो जाए तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए।’

गौरतलब है कि पिछले एक माह पर नजर डालें तो रेप, गैंगरेप, महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्जनों मामले सामने आए हैं। जम्मू-कश्मीर के कठुआ संभाग स्थित रसाना गांव में एक 8 साल की मासूम की कथित गैंगरेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। उन्नाव में एक गैंगरेप पीड़िता ने इंसाफ न मिलते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। आरोप बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर है।

सूरत में एक मासूम के साथ रेप की वारदात सामने आई। हरियाणा में एक बच्ची की बैग में बंद लाश नहर से बरामद की गई। बच्ची से रेप हुआ था। और तो और उसके एक हाथ का पंजा भी गायब था। बीते शुक्रवार इंदौर में एक मासूम की रेप के बाद हत्या कर दी गई।

बता दें कि बच्चियों से रेप मामले का विरोध केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक पहुंच चुका है। इसी कड़ी में पूरी दुनिया के 600 से ज्यादा बुद्धिजीवियों, शिक्षकों, छात्रों और शोधार्थियों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओपन लेटर लिखा है। जिसमें कठुआ और उन्नाव रेप मामलों पर अपना दुख जताया है और केंद्र सरकार को इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

लेटर पर हस्ताक्षर करने वालों में से अधिकतर भारतीय मूल के हैं। इस लेटर में पीएम के लिए कहा गया है कि 'हमने देखा है कि देश में बने गंभीर हालात पर और सत्तारूढ़ों में हिंसा से जुड़ाव के निर्विवाद संबंधों को लेकर आपने लंबी चुप्पी साध रखी है।'

बता दे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा को मंजूरी दे दी है। कठुआ एवं उन्नाव में बलात्कार की घटनाओं को लेकर देश भर में व्याप्त रोष के बीच ऐसे मामलों में प्रभावी प्रतिरोधक स्थापित करने तथा लड़कियों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा मौत की सजा देने संबंधी एक अध्यादेश को बीते 21 अप्रैल को मंजूरी दी थी।