162 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकली लड़की, अपना पेशाब पीकर 4 दिन तक जिंदा रहा लड़का... तुर्की-सीरिया में भूकंप के बाद 7 दिन तक मौत को मात देने वाली कहानियां

तुर्की और सीरिया में पिछले सोमवार यानी 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस शक्तिशाली भूंकप से हजारों इमारतें तबाह हो गईं। अब तक दोनों देशों में 34,000 लोगों की मौत हो गई। अकेले तुर्की में 29,605 लोगों की जान गई है। जबकि सीरिया में 4,574 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। सीरिया में सरकार शासित क्षेत्र में 1,414, जबकि विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाकों में 3,160 लोगों की भूकंप से मौत हुई है। तुर्की और सीरिया में 7 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है। इमारतों के मलबों से शवों के निकलने का सिलसिला जारी है। ऐसे में लगातार मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। इन सबके बीच बचावकर्मी कुछ ऐसे लोगों को भी बचाने में सफल हुए हैं, जिन्होंने कई दिनों तक मलबों में दबे होने के बावजूद मौत को मात दे दी।

- तुर्की के हताए शहर में बचावकर्मियों ने एक टीनेज लड़की को बचाया। इस्तांबुल मेयर के मुताबिक, लड़की 162 घंटे तक मलबे में दबी रही। रविवार को उसका रेस्क्यू किया गया। वह सही सलामत है। इतना ही नहीं रविवार को एक 50 साल की महिला गुलेर एग्रीमिस को भी सुरक्षित निकाला गया।

- शनिवार को कहारनमारस में 67 साल के अब्दुलकरीम बे और उनकी पत्नी सेनम को रेस्क्यू किया गया। दोनों पिछले 6 दिन से मलबे में दबे थे। कहारनमारस में ही 16 साल के हेदिल को सुरक्षित निकाला गया।

- तुर्की के गाजियांटेप में भूकंप के 132 घंटे बाद सेजई करबास और उनकी बेटी का रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बचावकर्मियों से अपनी पत्नी को खोजने की अपील की। उन्हें उम्मीद है कि उनकी पत्नी भी सुरक्षित निकाल ली जाएंगी। हताए में 132 घंटे बाद ही 34 साल के एर्गिन गुजेल्डोगन को रेस्क्यू किया गया। वे जमीन के नीचे मलबे में दबे थे।

- भूकंप के केंद्र तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यहां तबाही के 94 घंटे बाद रेस्क्यू टीम ने 17 साल के लड़के को जिंदा बाहर निकाला। अदनान मुहम्मद कोरकुट ने बाहर निकलने के बाद बताया कि 4 दिन मलबे के बीच जिंदा कैसे रहा। उसने कहा कि मैंने जिंदा रहने के लिए अपना पेशाब पीया और आस-पास बिखरे पड़े कुछ फूल खाए। उसने कहा- भूकंप के समय मैं अपने परिवार के साथ घर में सो रहा था। आंख खुली तो सब तबाह हो चुका था। मलबे के बीच फंसे रहने के दौरान मुझे लोगों की आवाज सुनाई दे रही थी। लेकिन मुझे लग रहा था कि वो लोग मेरी आवाज नहीं सुन पा रहे हैं। 4 दिन बाद मुझे रेस्क्यू किया गया।

- तुर्की के कहारनमारस में भूकंप आने के 121 घंटे बाद मलबे से 70 साल की मेनेकसे तबक को बचाया गया। कुछ घंटे पहले इलाके में मलबे से 16 साल के एक लड़के को जिंदा निकाला गया। कहारनमारस में कई परिवार मौत को मात देने में सफल रहे। यहां भूकंप के 78 घंटे बाद दो भाईयों और उसकी मां का रेस्क्यू किया गया। 68 घंटे बाद 6 साल की लड़की और उसकी मां का रेस्क्यू किया गया।

- कहारनमारस में एक और चमत्कार देखने को मिला। यहां एक बच्चे समेत 6 लोगों का रेस्क्यू किया गया। ये लोग 60 घंटे तक मलबे में दबे रहे। तुर्की में बुधवार को एक ढही हुई इमारत के नीचे 62 घंटे बिताने के बाद फातमा और मर्व डेमिर को मलबे के नीचे से निकाला गया।

- देरून शहर में दो बहनें अपने माता-पिता के साथ सो रही थीं। तभी भूकंप से उनका घर तबाह हो गया। सब मलबे में दब गए। रेस्क्यू टीम जब मदद के लिए पहुंची तो दोनों बच्चियां काफी डरी हुई थीं। उन्होंने बताया कि खुद को शांत करने के लिए वो पॉप सॉन्ग सुन रही थीं। उन्होंने कहा- हम बस बाहर आना चाहते थे। मदद का इंतजार करते-करते काफी समय हो गया था। अपने डर पर काबू पाने के लिए हमने गाना सुनना शुरू कर दिया।

- भूकंप के करीब 45 घंटे बाद तुर्किये के हताय शहर में मलबे के नीचे दबे एक 2 साल के बच्चे मोहम्मद को बचावकर्मियों ने बाहर निकाला। रेस्क्यू के दौरान प्यास लगने पर मोहम्मद को बचावकर्मियों ने बोतल की कैप से पानी पिलाया।

- सीरिया में भी ऐसे चमत्कार देखने को मिले, यहां भूकंप के 36 घंटों बाद दो बच्चों को रेस्क्यू किया गया। तुर्की के हताए में 52 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बावजूद 8 साल के बच्चे को बचाया गया। यहां से 90 घंटे मलबे में दबे रहने के बाद एक 10 साल के बच्चे को बचाया गया। सीरिया में नवजात बच्चे को बचाया गया। माना जा रहा है कि बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद मां की मौत हो गई।