मुस्लिम युवती शबनम शेख ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, पिछले साल अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी हुई थी शामिल

पिछले साल अयोध्या में रामलला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में माथा टेकने वाली मुंबई की 23 साल की मुस्लिम युवती शबनम शेख ने इस बार प्रयागराज महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाई। शबनम ने यहां कई संत महात्माओं से आशीर्वाद लिया और महाकुंभ में चल रहे सनातनी अनुष्ठानों में भी हिस्सा लिया। उन्होंने यूपी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। महाकुंभ में दो दिन रहने के बाद शबनम शेख मुंबई लौट आईं, लेकिन वह फरवरी में फिर से महाकुंभ आ सकती हैं। शबनम महाकुंभ क्षेत्र में अयोध्या के तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर आचार्य परमहंस दास के शिविर में ठहरी थीं, जहां उन्होंने त्रिवेणी स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए आचार्य परमहंस की मदद ली। जगद्गुरु आचार्य परमहंस दास का शिविर महाकुंभ क्षेत्र में सेक्टर 16 में लगा हुआ है।

फूलों की बारिश से हुआ स्वागत

शबनम शेख शनिवार को महाकुंभ क्षेत्र पहुंची थी। महाकुंभ क्षेत्र पहुंचने पर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने फूलों की बारिश कर उनका स्वागत किया। शबनम शेख मुस्लिम परिवारों के परंपरागत पोशाक में थी। शरीर पर नकाब पहन रखा था। शबनम ने इस शिविर में चल रहे धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। शबनम शेख ने कहा कि संतो के दर्शन कर उन्हें दिव्य अनुभूति हुई है। वह पहली बार महाकुंभ आई हैं। उन्होंने यहां के बारे में जो कुछ सुना था, उससे कई गुना ज्यादा सुखद एहसास हुआ। वह यहां चल रहे यज्ञ में भी शामिल हुई।

शबनम शेख ने कहा कि वह यहां पर निडर होकर आई। महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन किए जाने की बहस के बीच यहां पहुंचने पर उन्हें कतई डर नहीं लगा। हर किसी ने उन्हें खूब सम्मान दिया। संतो के शिविर में उनका अभिनंदन हुआ। शबनम शेख यहां पहुंच कर इतनी अभिभूत हुई कि उन्होंने फरवरी महीने में फिर से महाकुंभ आने का मन बनाया है।

जबरदस्त आस्था और सम्मान

तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य के अनुसार, शबनम शेख जैसी बेटियां समाज को जोड़ने का कार्य करती हैं। वे इस्लाम धर्म से हैं, लेकिन सनातन धर्म के प्रति उनके मन में गहरी आस्था और सम्मान है। इस तरह के व्यक्तियों का महाकुंभ में स्वागत किया जाता है, जबकि विरोध केवल उन लोगों के लिए है जो गलत भावना के साथ सनातनियों की आस्था में भाग लेने आते हैं।

शबनम शेख, जो मुंबई की रहने वाली हैं, ने एक साल पहले अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचकर अपनी आस्था का प्रदर्शन किया था। रास्ते भर उनका स्वागत किया गया और भगवान राम और सनातन धर्म के प्रति उनकी श्रद्धा ने लोगों को चौंका दिया था।