कोरोना वायरस: महाराष्ट्र में बिगड़े हालात, आज 162 नए मामले, मरीजों की संख्या हुई 1,297

महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या 1297 हो चुकी है। आज गुरुवार को अब तक 162 नए कोरोना मामले सामने आए है. इससे पहले बुधवार को राज्य में 117 नए मामले सामने आए थे। इनमें से 72 केस मुंबई से थे जहां बुधवार को 5 की मौत भी हो गई। इसी के साथ देश में हर पांचवां कोरोना संक्रमित शख्स महाराष्ट्र से है। मुंबई में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कोरोना वायरस के करीब 590 पॉजिटिव केस मिले हैं। यह देश के किसी शहर में संक्रमित लोगों की सर्वाधिक संख्या है। बृहंमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) के मुताबिक 590 में से 282 पॉजिटिव डी, ई, जी साउथ और के-वेस्ट वॉर्ड में मिले हैं। यानी संक्रमण के 59% केस शहर के 24 प्रशासनिक वार्ड में से सिर्फ 4 में हैं। इनमें 133 केस तो जी साउथ वार्ड में ही हैं। इस वायरस से मुंबई में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई में सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि बीमारी के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामले बढ़ रहे हैं। यानी संक्रमित व्यक्ति न किसी मरीज के संपर्क में आया और न ही उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री है। ऐसे 13 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है।

गंभीर होती स्थिति के मद्देनजर बीएमसी ने मुंबई में अब मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलना अनिवार्य कर दिया गया है। बुधवार को महाराष्ट्र की मृत्यु दर 6.3 फीसदी रहा। महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या में अधिकतर मुंबई, पुणे और ठाणे से हैं जिससे राज्य की स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य में कुल कोरोना वायरस मरीजों के 90% केस इन्हीं जगहों से हैं। इससे भी चिंताजनक यह है कि महाराष्ट्र में 4 अप्रैल से हर दिन नए 100 से अधिक नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मुंबई में बुधवार तक कुल 714 कोरोना केस थे जिनमें 5 की मौत भी हो गई।

अस्पताल स्टाफ ने क्वारैंटाइन में जाने की मांग की

मुंबई में बांद्रा के भाभा अस्पताल में नर्स की मौत के बाद बुधवार को कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। अस्पताल स्टाफ ने क्वारैंटाइन में जाने की मांग की। कर्मचारियों का आरोप है कि अस्पताल में उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए रहे हैं। ज्यादातर डॉक्टरों और नर्सों को मुंह खोलने पर अपना रजिस्ट्रेशन रद्द होने का डर है। इसलिए, इनमें से बहुत सारे लोग जन स्वास्थ्य अभियान मुंबई के जरिए अपनी बात रख रहे हैं। अभियान की मुंबई कन्वीनर कामायनी बाली महाबल ने बताया कि मुंबई में तीन संक्रमित में से एक की ही ट्रैवल हिस्ट्री मौजूद है। अब ज्यादातर संक्रमण कॉन्टेक्ट से हो रहा है, जो चिंताजनक है। साथ ही, फ्रंट लाइन पर काम करने वाली नर्सें और डॉक्टर इसकी चपेट में आ रहे हैं। मुंबई में जनस्वास्थ्य अभियान की कन्वीनर कामायनी बाली महाबल बताती हैं कि चिंता की बात यह है कि मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो रहा है। जसलोक और वॉकहार्ट अस्पताल सील कर दिए गए हैं। अस्पताल में पूरी तरह से लापरवाई बरती गई। फ्रंटलाइन नर्सों के पास सेफ्टी किट (पीपीई) नहीं थी। वॉकहार्ट अस्पताल की एक नर्स के परिवार का उनके पास संदेश आया। इसमें ने लिखा कि वॉकहॉर्ट में दो संक्रमित केस थे, जिनका जनरल वॉर्ड में ही इलाज चल रहा था। इसी वॉर्ड में 70 साल के अन्य बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई। 28 मार्च को यहां की दो नर्सों में कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई देने लगे। परिवार का आरोप है कि नर्सों को बोला गया कि वह किट और मास्क का प्रयोग न करें इससे मरीजों के बीच डर बैठ जाएगा।