हाल ही में सोशल मीडिया पर Ghibli स्टाइल की AI जनरेटेड तस्वीरों का जबरदस्त ट्रेंड देखने को मिला था। ChatGPT की मदद से लोग अपनी सामान्य तस्वीरों को एनिमेटेड Ghibli लुक में बदल कर शेयर कर रहे थे, जिससे इंटरनेट पर रचनात्मकता की बाढ़ सी आ गई थी। लेकिन अब यही AI तकनीक एक नए और गंभीर विवाद का हिस्सा बन गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ChatGPT जैसे AI टूल्स की मदद से अब फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। ये दस्तावेज़ दिखने में इतने असली लगते हैं कि इन्हें पहचान पाना आम व्यक्ति के लिए मुश्किल हो गया है।
AI जनरेटेड फर्जी डॉक्युमेंट्स की बाढ़
जहां Ghibli ट्रेंड अभी थमा भी नहीं था, वहीं अब सोशल मीडिया पर यूजर्स अपने असली और नकली आधार-पैन कार्ड की तुलना करते हुए तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ खास प्रॉम्प्ट्स देने पर AI इमेज जनरेटर किसी भी नाम, फोटो और डिटेल्स के आधार पर नकली आधार या पैन कार्ड बना देता है। डिजिटल फ्रॉड की आशंका
AI की इस शक्ति का गलत इस्तेमाल कर कुछ लोग अब डिजिटल फ्रॉड के नए रास्ते तलाश रहे हैं। ट्विटर (अब X) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई यूजर्स ने ऐसे नकली डॉक्युमेंट्स की तस्वीरें पोस्ट की हैं और चिंता जताई है कि यह चलन आगे चलकर बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है। क्या कहती है तकनीक और विशेषज्ञ?
टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI का अनियंत्रित और गलत इस्तेमाल डिजिटल सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। सरकार और टेक कंपनियों को मिलकर ऐसी टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त गाइडलाइंस बनानी होंगी।