मध्यप्रदेश : 23 जिंदा लोगों को मृत बता आर्थिक सहायता लेने का मामला आया सामने, निकाले लाखों रूपये, तीन कर्मचारी निलंबित

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया हैं जिसमें 23 जिंदा लोगों को मृत बता उनके नाम पर आर्थिक सहायता ली गई और लाखों रूपये निकाल लिए गए। इस मामले में तीन कर्मचारी निलंबित किए गए हैं। दरअसल, कोरोना से मरने वालों को राज्य सरकार की ओर से 2-2 लाख रुपये आर्थिक सहायता के तौर पर दी जा रही है। पंचायत विभाग के कर्मचारियों ने गांव के 23 जिंदा लोगों को कागजों में मृत दिखाकर उनके नाम पर राशि निकाल ली है। इस घटना के बाद जीवित लोगों ने पंचायत विभाग के दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद गांव के लोगों ने ग्राम पंचायत के सचिव और जनपद पंचायत के सीईओ पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। 23 जीवित लोगों ने अपने जिंदा होने के दस्तावेज भी पुलिस के सामने सौंपे हैं।

जिले के बोहनाखेड़ी गांव में घोटाले का यह मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत सचिव राकेश चंदेल, ग्राम रोजगार सहायक संजय चौरे एवं पंचायत समन्वय अधिकारी सुनील अंधवां पर गबन करने का आरोप है। हैरानी की बात है कि इतने बड़े घोटाले की जानकारी आलाधिकारियों को भी नहीं लगी। तीनों निलंबित कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने बोहनाखेड़ी में 23 जीवित व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर राशि निकालने के मामले को गंभीरता से लिया है और कलेक्टर से विस्तृत जांच कराकर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रभारी मंत्री पटेल ने कहा कि जीवित व्यक्तियों के फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनना और उनके नाम पर राशि निकालना न केवल चिंताजनक है, बल्कि आपत्तिजनक और नियम विरुद्ध है। प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर से पूरे जिले में जांच कराने की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।