शहीद की मां की मांग : 'आतंकवादियों के मारे जाने का सबूत दे सरकार', मरने वाले आतंकियों की संख्या पर प्रश्न चिन्ह

भारतीय वायुसेना के द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर खूब बयानबाजी हो रही है। मारे गए आंतकियों को लेकर भारत में सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। जहा विपक्ष मौजूदा सरकार पर पाकिस्तान पर करी गई एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहा है वही अब पुलवामा में शहीद हुए एक जवान के परिवार वालों ने आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप पर किये गए हमले पर सवाल खड़ा किया है।

पुलवामा में शहीद हुए मैनपुरी के जवान रामवकील की मां का कहना है कि वो आतंकवादियों पर किए गए हमलों और उनके मारे जाने की बात तब तक नहीं मानेंगी जब तक सरकार उनको आतंकवादियों के मारे जाने का सबूत नहीं दिखाती। शहीद के मां की उम्र करीब 80 वर्ष है। शहीद की मां ने कहा कि मेरे बेट रामवकील ने तो अपनी शहादत दे दी। देश को और उनके परिवार को उन पर गर्व है। दूसरी तरफ़ उनके परिवार वालों को ये विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि शहीद रामवकील की शहादत का बदला ले लिया गया है।

शहीद रामवकील के परिजनों ने सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकियों के मारे जाने का अभी तक कोई सबूत सामने नहीं आया है, कुछ तो सबूत मिलना चाहिए। बता दें, एयरस्ट्राइक को लेकर विपक्षी दल भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं।

शहीद की बहन ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक करने का दावा कर रही है जिसमें 250 से 300 आतंकवादियों के मारे जाने की बात सामने आ रही है। पर हमें तब तक इस पर भरोसा नहीं होगा जब तक आतंकवादियों का लाश या उनके मारे जाने का सबूत सामने नहीं आते। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम लोगों ने पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद शहीदों का शव देखा है उसी तरह उन आतंकवादियों के शव को भी सरकार को दिखाना चाहिए।

वहीं शहीद रामवकील की पत्नी गीता देवी का कहना है कि पाकिस्तान में की गई कार्रवाई का कोई सबूत नहीं मिल पाया है। जैसे मेरे पति का शव आया वैसे कुछ सबूत भी सामने आना चाहिए।

शहीद रामवकील के भाई रामनरेश ने एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए कहा कि PoK में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक की है और उसमें 300 आतंकी मारे गए तो केंद्र सरकार को उसका सबूत देना चाहिए। एयरस्ट्राइक से कोई नुकसान हुआ है ये तो पाकिस्तान भी नहीं मान रहा है, पाकिस्तान कहता है कि उसके यहां कोई नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में सरकार जो एयर स्ट्राइक का दावा बिल्कुल झूठ लग रहा है।

पाकिस्तान में मरने वाले आतंकियों की संख्या को लेकर अलग-अलग बयान

300 मोबाइल फोन सक्रिय थे : राजनाथ सिंह

मंगलवार को बीएसएफ की एक सीमा परियोजना का उद्घाटन करने के बाद जनता को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण अड्डे पर भारतीय वायु सेना के हमले में मरे आतंकवादियों की संख्या ‘आज या कल' सबको मालूम हो जाएगी। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि बालाकोट में 300 मोबाइल फोन सक्रिय थे, क्या ये मोबाइल फोन पेड़ इस्तेमाल कर रहे थे। विपक्ष पर हवाई हमले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस यह जानना चाहती है कि कितने आतंकवादी मारे गए हैं तो वह पाकिस्तान जाकर शवों को गिन सकती है।

400 आतंकियों को मार गिराए : केंद्रीय कृषि मंत्री

वही अब केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान ने हमारे 40 सैनिकों को धोखे से मारा लेकिन हमारे जांबाज सैनिकों ने पाक में घुसकर उनके 400 आतंकियों को मार गिराए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए राधामोहन सिंह ने कहा, ''एक समय था जब देश में आतंकी हमला होने पर सरकार द्वारा सैनिकों के हाथ बांध दिए जाते थे लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार सेना को खुली छूट देती है। जिसके परिणाम स्वरूप भारत के वीर सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर उनके 400 आतंकियों को ढेर कर दिया। ऐसा कारनामा सिर्फ और सिर्फ मोदी सरकार ही कर सकती है।''

250 आतंकी मारे गए : अमित शाह

दरहसल, भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए अभी तक इसका पुख्ता सबूत नहीं मिले है। पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अहमदाबाद में बीजेपी की रैली में कहा था कि एयर स्ट्राइक में 250 आतंकी मारे गए थे। विपक्षी पार्टियां एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की कुल संख्या पूछ रही है। वहीं सत्तापक्ष ने इसे पाकिस्तान की भाषा बताया है।

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मारे गए आतंकियों की संख्या पर कहा है कि विदेश सचिव विजय गोखले ने हवाई हमले में मरने वालों की संख्या की कोई जानकारी नहीं दी थी और केवल एक बयान दिया था जो कि सरकार का 'पक्ष' था।

गोखले ने पिछले मंगलवार कहा था कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर अचानक किये गए असैन्य हमले में ‘बड़ी संख्या में' आतंकवादी, प्रशिक्षक और शीर्ष कमांडर मारे गए।

300 से ज्यादा मोबाइल फोन एक्टिव : NTRO

नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) के सर्विलांस से खुलासा हुआ है कि जब बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक की, उस समय वहां पर 300 से ज्यादा मोबाइल फोन एक्टिव थे। इससे साफ होता है कि भारतीय वायुसेना ने जिस समय बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंपों पर हमला किया, उस समय वहां पर 300 आतंकी मौजूद थे। इसके अलावा बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में 300 आतंकियों के मौजूद होने की जानकारी RAW ने भी उपलब्ध कराई थी।

हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी केंद्र सरकार देगी : भारतीय वायु सेना

पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाली भारतीय वायु सेना ने सोमवार को कहा कि हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी केंद्र सरकार देगी क्योंकि वायु सेना का काम यह देखना होता है कि निशाना लगा या नहीं। रक्षा मंत्री ने हवाई हमले को आगामी लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ कर देखे जाने से भी इनकार करते हुए मंगलवार को कहा, ‘‘बालाकोट हमले पर और विश्लेषण करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आसपास के इलाकों में आम नागरिकों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा इसलिए हम कह रहे हें कि पुलवामा फिदायीन हमले के बाद किया गया हमला सैन्य कार्रवाई नहीं थी।’’

250 आतंकी मारे गए : जनरल वीके सिंह

वही मंगलवार को पहली बार भारतीय वायुसेना के द्वारा किए गए हवाई हमले में मारे गए आतंकियों को लेकर अधिकारिक बयान आया है। पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के हमले में 250 आतंकी मारे गए हैं। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा है, 'हमले से पहले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के उस अड्डे पर 250 से ज्यादा आतंकियों के होने की खबर थी, क्योंकि वायुसेना के हमले में वो आतंकी कैंप पूरी तरह तबाह हो गया, इसलिए ये अनुमान लगाया जा रहा है कि वहां 250 आतंकी मारे गए हैं।' जनरल वीके सिंह ने ये भी साफ किया कि 26 फरवरी को वायुसेना ने पाकिस्तान में मसूद अजहर के सिर्फ एक ठिकाने पर बमबारी की थी जो बालाकोट में है।

गौरतलब है कि 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमले में जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान मारे गए थे।