64 दिन तक चली शख्स की कोरोना से जंग, जान बची लेकिन गंवा बैठे हाथों की उंगलियां, दर्दनाक आपबीती

जब से कोरोना वायरस आया हैं इसके कई रूप देखने को मिले हैं और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी डराने वाला हैं। कोरोना के चलते कई ऐसी कहानियां देखने को मिली हैं जो डराने वाली हैं। ऐसी ही एक आपबीती हैं कैलिफोर्निया के स्टूडियो सिटी में रहने वाले ग्रेग गारफील्ड (54) की। इनकी कोरोना से जंग 64 दिन तक चली थी। अपनी आपबीती सुनाते हुए वे बताते हैं कि फरवरी में स्कीइंग के लिए इटली गया था। रास्ते में ही तबीयत बिगड़ गई और वापस लौटा और बरबैंक के जोसेफ अस्पताल पहुंचा तो कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद 31 दिन तक वायरस से वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ता रहा। कुल 64 दिन अस्पताल में रहा। अब ठीक हो चुका हूं, लेकिन मेरी हाथों की अंगुलिया कोरोना वायरस ने निगल ली हैं। बाएं हाथ की अंगुलिया बीच से कट चुकी हैं और अंगूठे का केवल पांच फीसदी हिस्सा है। दाहिने हाथ की भी अंगुलिया काटी गई हैं, बस अंगूठे का कुछ हिस्सा बच गया है।

कोरोना से अंगुलियों को नुकसान कैसे

ग्रेग की यह आपबीती दिल को दहलाने वाली है। ग्रेग का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि वायरस फेफड़ों, किडनी, हृदय के साथ हाथ-पैरों को भी खराब कर सकता है। ग्रेग के मामले भी ऐसा ही हुआ, जो हैरान करने वाला है। वायरस से ग्रेग के हाथ की कोशिकाओं और ऊतकों को अधिक नुकसान हुआ, जिस कारण वो काली पड़ गई। शरीर कि किसी हिस्से में अमूमन कालापन तब पड़ता है, जब उसके आसपास की कोशिकाएं पूरी तरह मर जाती हैं।

अंगुलियों तक नहीं पहुंच पा रहा था खून

ग्रेग के मुताबिक, मैं वेंटिलेटर पर था। हाथों की अंगुलियों तक खून नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण अंगुलियां काली पड़ रही हैं। डॉक्टरों ने एक्मो सपोर्ट पर रखा, जिससे अंगुलियों तक खून पहुंच सके और फेफड़ों के साथ हृदय को आराम मिल सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वायरस ने अंगुलियों तक जाने वाले खून के रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया था, जिसे कोई ठीक नहीं कर सकता था।

किसी के भी साथ हो सकता है

ग्रेग कहते हैं, वायरस को मजाक में मत लें। उन्हें भी शुरुआत में कोई लक्षण नहीं था। वे कुछ समय पहले फिट थे, पहाड़ की चोटियां चढ़ते थे, बाइक चलाते, गोल्फ खेलते थे, कार रेसिंग करते लेकिन अब सब कुछ गुजरे जमाने की बात हो गई है। वे कहते हैं, ऐसा किसी के साथ हो सकता है। इसलिए सावधान रहें और मास्क पहनकर रखें। इलाज करने वाले डॉक्टर कहते हैं, वे बच गए ये किसी जादू से कम नहीं है, सबके साथ ऐसा नहीं होता है।