सुप्रीम कोर्ट: AIMIM उम्मीदवार की जमानत याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया, एक ने जमानत दी, दूसरे ने रद्द की

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया। मामला अब मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया गया है, जो अंतिम निर्णय के लिए इसे बड़ी बेंच को सौंपेंगे।

जस्टिस मिथल ने जमानत याचिका खारिज की


जज ने दिल्ली दंगों से जुड़े आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए पंकज मिथल हुसैन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनावों के लिए आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

जज अमानुल्लाह ने जमानत मंजूर की


इसके विपरीत, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने अंतरिम जमानत का समर्थन किया, जिससे हुसैन चुनाव प्रचार कर सकें। उन्होंने कहा कि एक चुनावी उम्मीदवार के रूप में हुसैन को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है।

मामला बड़ी बेंच को भेजा गया

पीठ की असहमतिपूर्ण राय के बाद मामले को तीन जजों की बेंच को भेज दिया गया है। बेंच तय करेगी कि हुसैन को दिल्ली चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत दी जाएगी या नहीं।