उदयनिधि स्टालिन और ए.राजा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, सनातन धर्म पर की थी टिप्पणी

नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर बीते दिनों विवादित बयान दिया था। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोविड से करते हुए कहा था कि इसे खत्म कर देना चाहिए। इस मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन और तमिलनाडु सरकार को सनातन धर्म पर टिप्पणी करने को लेकर नोटिस जारी किया है। बता दें कि उदयनिधि स्टालिन के अलावा सनातन धर्म के विरोध में ए राजा ने भी बयान दिया था। शीर्ष अदालत ने अपनी नोटिस में कहा है कि वह इस मामले को हेट स्पीच पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ सुनेगी।

चेन्नई के वकील ने दायर की थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका

उदयनिधि स्टालिन द्वारा विवादित बयान दिए जाने के बाद चेन्नई के एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिए जाए। दरअसल उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोविड से की थी। उन्होंने इस दौरान कहा था कि जिस तरह डेंगू-मलेरिया का विरोध करना ही ठीक नहीं रहता, बल्कि से खत्म करना भी जरूरी होता है। उसी तरह सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे खत्म करना चाहिए।

उदयनिधि ने सनातन धर्म को बताया था डेंगू, मलेरिया

ज्ञातव्य है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और सरकार मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह जड़ से समाप्त करना ही एकमात्र उपाय है।

ए राजा ने HIV से की थी तुलना

वहीं ए राजा ने सनातन धर्म विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उदयनिधि ने जो भी बोला है, वो काफी कम है। उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू कहा है, लेकिन ये ऐसी बीमारी नहीं हैं जिन्हें समाज में घिनौना कहा जाता है।अगर आपको सनातन को परिभाषित करना है तो आप एचआईवी को देखिए, समाज के लिए सनातन ऐसा ही काम करता है।

उन्होंने आगे कहा था, “अगर प्रधानमंत्री बैठक बुलाएं और मुझे अनुमति दें तो मैं सभी कैबिनेट मंत्रियों को जवाब देने के लिए तैयार हूं। मैं समझाऊंगा कि 'सनातन धर्म' कौन सा है, उसके बाद आप निर्णय करें…”

ए राजा ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि सनातन धर्म का पालन करना चाहिए और विदेशी दौरों पर नहीं जाना चाहिए। दिल्ली में एक करोड़ लोगों को बुलाएं, शंकराचार्य को भी बैठाएं और अपने सभी हथियारों को छोड़ दें।