चुनावी बांड की संख्या का खुलासा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, SBI को लगाई फटकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनावी बांड संख्या का खुलासा नहीं करने और इस तरह अपने पिछले फैसले का पूरी तरह से पालन नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनावी बांड संख्या, जो दाताओं को प्राप्तकर्ताओं से जोड़ती है, ऋणदाता द्वारा खुलासा किया जाना चाहिए।

यह देखते हुए कि एसबीआई द्वारा साझा किए गए विवरण अधूरे थे, पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने बैंक को चूक की व्याख्या करने के लिए नोटिस जारी किया और मामले को सोमवार, 18 मार्च को सुनवाई के लिए पोस्ट किया। एसबीआई के वकील आज अदालत में मौजूद नहीं थे।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, हमने कहा था कि सभी विवरण चुनाव आयोग (ईसी) को सौंपे जाएंगे। उन्होंने (एसबीआई) बांड संख्या का खुलासा नहीं किया है। इसका खुलासा भारतीय स्टेट बैंक को करना होगा।

यह टिप्पणी तब आई जब सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसके 11 मार्च के आदेश में संशोधन की मांग की गई थी, जहां उसने चुनावी बांड पर डेटा जमा करने के लिए 30 जून तक विस्तार की मांग करने वाली एसबीआई की याचिका खारिज कर दी थी।

चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत से पहले सीलबंद लिफाफे में जमा किए गए चुनावी बांड डेटा को वापस करने के लिए कहा था, यह दावा करते हुए कि सीलबंद लिफाफे वापस आने तक वह अपनी वेबसाइट पर उक्त जानकारी प्रकाशित नहीं कर सकता है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने भुनाए गए बांड के संबंध में राजनीतिक दलों द्वारा जमा किए गए डेटा को प्रतियों को बनाए रखे बिना अदालत को सौंप दिया।

अदालत ने आज न्यायिक रजिस्ट्रार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चुनाव आयोग द्वारा उसके समक्ष सीलबंद कवर में दायर किए गए दस्तावेजों को वापस करने से पहले स्कैन और डिजिटलीकृत किया जाए। इसमें कहा गया है कि इसे अधिमानतः शनिवार, 16 मार्च को शाम 5 बजे तक पूरा किया जाना चाहिए।