150 रुपये में किया था टूथपेस्ट का प्रचार, ग्लैमरस साध्वी हर्षा रिछारिया ने साझा किए अपने संघर्ष के पल

महाकुंभ 2025 में साध्वी हर्षा रिछारिया अपने ग्लैमर और व्यक्तित्व के कारण चर्चा का विषय बनी हुई हैं। महाकुंभ में लोग उन्हें देखने के लिए जुट रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर भी उनके नाम की खूब चर्चा हो रही है। मूल रूप से भोपाल की रहने वाली हर्षा का बचपन संघर्ष भरा रहा। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने छोटी उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया।

30 वर्षीय हर्षा ने कठिन हालात में पढ़ाई पूरी करते हुए बीबीए की डिग्री हासिल की। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने काम की शुरुआत एक सुपरमार्केट में टूथपेस्ट प्रचार से की, जहां उन्हें 150 रुपये प्रतिदिन मिलते थे। धीरे-धीरे उन्होंने अपने काम में तरक्की की और मॉडलिंग व एंकरिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।

परिवार को आर्थिक मजबूती देने का संघर्ष

2015 तक हर्षा ने अपनी मेहनत से घर की स्थिति को बेहतर बना दिया। उसी साल उन्होंने अपने पिता को एक कार गिफ्ट की। उन्होंने अपनी मां से घर गिफ्ट करने का वादा किया था, लेकिन कोविड महामारी के कारण उनका काम प्रभावित हुआ।

अध्यात्म की ओर झुकाव


दो साल पहले हर्षा का झुकाव अध्यात्म की ओर हुआ। उन्होंने निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंदगिरि से दीक्षा ली और साध्वी बन गईं। वह अब अपना जीवन धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर बिताना चाहती हैं।

मल्टी-टैलेंटेड साध्वी

हर्षा खुद को मेकअप आर्टिस्ट, हेयर स्टाइलिस्ट और ट्रैवलर के रूप में भी पेश करती हैं। एक वीडियो में उन्होंने बताया कि वह एंकरिंग और भक्ति एल्बम में अभिनय कर चुकी हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 9 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जहां वह धार्मिक और हिंदुत्व से जुड़े कंटेंट शेयर करती हैं। हालांकि, उन्हें इसके लिए धमकियां भी मिली हैं, लेकिन इससे उनका हौसला कमजोर नहीं हुआ।