महाकुंभ में छाईं हर्षा रिछारिया, CM योगी को लेकर किया बड़ा दावा, जानें क्या बोलीं

स्वामी कैलाशानंद गिरि की शिष्या हर्षा रिछारिया इस बार महाकुंभ में विशेष आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। महाकुंभ के दौरान उन्होंने अमृत स्नान में भाग लिया और शाही रथ पर भी बैठीं। हर्षा पहले से ही धर्म और आध्यात्मिकता से जुड़ी हुई हैं, लेकिन महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने उन्हें सुर्खियों में ला खड़ा किया। इस बारे में जब उनसे सवाल किया गया, तो हर्षा ने मीडिया का आभार जताया। उन्होंने कहा, महाकुंभ के बाद मेरा चेहरा लगातार मीडिया में दिखाया जा रहा है, इसके लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करती हूं।

सीएम योगी को लेकर किया बड़ा दावा

हर्षा ने महाकुंभ के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, महाकुंभ का आयोजन इतने भव्य तरीके से किया जा रहा है, इसके लिए हम सीएम योगी और सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। यहां देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं, और मैं भी इसका हिस्सा बन पाई, जिसने मुझे महाकुंभ में अलग पहचान दिलाई।

साध्वी बनने को लेकर किया खुलासा

जब हर्षा से पूछा गया कि उन्होंने दीक्षा ली है और नागा साधुओं की तरह जटाएं रखी हैं, तो फिर भी क्यों उन्होंने खुद को साध्वी के रूप में प्रस्तुत किए जाने पर ऐतराज जताया था? हर्षा ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं साध्वी हूं। मीडिया में जो दिखाया जा रहा है, वह गलत है। साध्वी बनने के लिए जो तपस्या और संस्कार होते हैं, मैंने वो कुछ भी नहीं किए हैं। उन्होंने आगे कहा, मैं सिर्फ अपने धर्म और संस्कृति के लिए काम करना चाहती हूं और समाज में जागरूकता लाने के लिए अपने प्रयास जारी रखना चाहती हूं।

नारीत्व और समाज में जागरूकता की दिशा में प्रयास

हर्षा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह शादी या गृहस्थ जीवन के विचारों में नहीं उलझी हैं। उनका मुख्य उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और युवाओं को जागरूक करना है। उनका कहना है, मैं हमेशा अपने धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए काम करूंगी और युवाओं में जागरूकता लाने के लिए अपने प्रयास जारी रखूंगी।