भोपाल। मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के एक पूर्व कांस्टेबल, जो अपने परिसरों पर छापे के बाद लापता है, ने खुलासा किया कि उसने 500 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है, और उसकी डायरी ने राज्य में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सौरभ शर्मा पर लोकायुक्त द्वारा छापे और उसके बाद पिछले महीने एक लावारिस वाहन से 11 करोड़ रुपये नकद और 52 किलो सोना जब्त करने से शुरू हुई यह कहानी अब राजनीतिक मोड़ ले चुकी है।
पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने यह मामला उठाया था, जब उन्होंने शर्मा के परिसर से नकदी बरामद होने की घटना को मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कथित भ्रष्टाचार से जोड़ा था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पटवारी ने दावा किया कि लोकायुक्त ने शर्मा के परिसर से एक डायरी बरामद की है, जिसमें परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का ब्यौरा है। हालांकि, कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उन्होंने 66 पन्नों की डायरी के केवल छह पन्ने ही देखे हैं और बाकी गायब हैं।
पटवारी ने आरोप लगाया कि छह पन्नों में राज्य में चेक पोस्टों से उगाही गई करीब 1,300 करोड़ रुपये की रकम का रिकॉर्ड है। पटवारी ने कहा, लोकायुक्त पुलिस, आयकर और प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की, लेकिन जांच रुकी हुई है और कोई भी इन छह पन्नों की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
उन्होंने शर्मा के लिए भी चिंता जताई और दावा किया कि पूर्व सरकारी अधिकारी को अपनी जान का खतरा है। पटवारी ने दावा किया, उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए क्योंकि उनकी जान को खतरा है।
पटवारी ने यह भी दावा किया कि डायरी में कोड शब्द 'टीसी' और 'टीएम' का उल्लेख किया गया है और आश्चर्य जताया कि क्या वे क्रमशः परिवहन आयुक्त और परिवहन मंत्री को संदर्भित करते हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि पटवारी को कांग्रेस की 15 महीने की सरकार को याद करना चाहिए, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा कि पटवारी को डर है कि इस मामले से कांग्रेस का नाम जुड़ सकता है।
अग्रवाल ने कहा, जीतू पटवारी सुर्खियां बटोरने के लिए हर दिन बयान देते हैं। केंद्र में हमारी सरकार है और राज्य में भी हमारी सरकार है। यह कार्रवाई किसके नेतृत्व में हो रही है? क्या जीतू पटवारी ही यह सब करवा रहे हैं? हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है और किसी भी तरह के अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पटवारी इसलिए भड़के हुए हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं किसी तरह से इसके तार कांग्रेस तक न पहुंच जाएं।
सौरभ शर्मा कौन हैं? विवाद किस बात को लेकर है?ग्वालियर के रहने वाले सौरभ शर्मा 2015 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्त होकर परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे।
पिछले महीने 19 दिसंबर को लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल में शर्मा से कथित तौर पर जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की और 2.1 करोड़ रुपये की नकदी के अलावा सोना-चांदी जब्त की। उसी दिन, भोपाल के बाहरी इलाके में एक जंगल में 'क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी' (RTO) की प्लेट लगी एक इनोवा कार लावारिस हालत में मिली। इनोवा शर्मा के कथित सहयोगी चेतन सिंह गौड़ के नाम पर पंजीकृत थी।
लोकायुक्त और आयकर विभाग की कार्यवाही का सामना करने के अलावा, ईडी ने भी शर्मा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है। हालांकि, पीटीआई द्वारा उद्धृत सूत्रों के अनुसार, माना जाता है कि शर्मा देश छोड़कर दुबई भाग गए हैं।