नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आज पृथ्वी पर लौटने के लिए रवाना होंगे। दोनों अंतरिक्ष यात्री नौ महीने से अधिक समय तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर थे, और उनकी वापसी को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।
वापसी का पूरा शेड्यूल (भारतीय समयानुसार) 18 मार्च, सुबह 8:15 बजे – हैच क्लोज (यान का ढक्कन बंद किया जाएगा)
18 मार्च, सुबह 10:35 बजे – अनडॉकिंग (आईएसएस से यान अलग होगा)
19 मार्च, सुबह 2:41 बजे – डीऑर्बिट बर्न (वायुमंडल में यान का प्रवेश)
19 मार्च, सुबह 3:27 बजे – स्प्लैशडाउन (समुद्र में लैंडिंग)
19 मार्च, सुबह 5:00 बजे – नासा की प्रेस कॉन्फ्रेंस
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की यह ऐतिहासिक वापसी स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए होगी, जिसमें वे अन्य क्रू-9 सदस्यों के साथ धरती की ओर लौट रहे हैं। इस मिशन से जुड़ी हर गतिविधि पर वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों की पैनी नजर बनी हुई है।
प्लान में कैसे हुआ बदलाव?नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, और उनका आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) पर कुछ समय के लिए ही रुकने का प्लान था। हालांकि, मिशन के दौरान स्टारलाइनर में हीलियम लीक और प्रोपल्शन सिस्टम में खराबी का पता चला, जिससे यह यान वापसी के लिए अनसेफ हो गया। अगस्त 2024 में नासा ने मिशन में देरी को स्वीकार किया और 2025 की शुरुआत में स्पेसएक्स मिशन के जरिए वापसी का वैकल्पिक प्लान बनाना शुरू किया। सितंबर 2024 में, स्टारलाइनर बिना अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर लौट आया, जिससे आईएसएस के डॉकिंग पोर्ट को अन्य मिशनों के लिए खाली किया गया। इस दौरान, सुनीता विलियम्स और विल्मोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए आईएसएस की ऑपरेशनल एफिशिएंसी बनाए रखने का निर्णय लिया गया।
अब, नासा मिशन प्रबंधक उनकी वापसी के लिए मौसम की स्थितियों की निगरानी कर रहे हैं, क्योंकि ड्रैगन कैप्सूल का अनडॉकिंग विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें मौसम, समुद्री परिस्थितियां, रिकवरी टीम की तैयारियां और स्पेसक्राफ्ट की स्थिति शामिल है। नासा और स्पेसएक्स जल्द ही स्प्लैशडाउन लोकेशन की पुष्टि करेंगे। नासा ने सुनीता विलियम्स और विल्मोर को लाने के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल का चयन किया है, जो अब तक 49 बार लॉन्च हो चुका है और 44 बार ISS तक यात्रा कर चुका है। इस ऐतिहासिक वापसी को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं, और वैज्ञानिकों की टीम उनकी सुरक्षित वापसी के लिए पूरी तरह तैयार है।