CBI विवाद में कूदे सुब्रमण्यम स्वामी, बोले- मेरी सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी

सीबीआई CBI में मचे घमासान को लेकर मोदी सरकार Modi Government अपनों के ही निशाने पर आ गई है। कांग्रेेस के बाद भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी Subramanian Swamy ने अपनी ही सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सीबीआई के बाद अगला नंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों का होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई खत्म हो जाएगी।

राज्यसभा से बीजेपी सांसद स्वामी ने बुधवार को दावा किया कि ‘सीबीआई नरसंहार’ में शामिल लोग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी राजेश्वर सिंह को निलंबित करने वाले हैं और अगर ऐसा हुआ तो उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मामले दायर कर रखे हैं उनसे वह हट जाएंगे। स्वामी ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया है।

मेरे लिए भ्रष्टाचार से लड़ने की कोई वजह नहीं रहेगी

स्वामी ने ट्वीट में कहा, ‘सीबीआई नरसंहार के खिलाड़ी ईडी के राजेश्वर को निलंबित करने वाले हैं ताकि वह ‘पीसी’ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकें। अगर ऐसा हुआ तो मेरे लिए भ्रष्टाचार से लड़ने की कोई वजह नहीं रहेगी क्योंकि मेरी सरकार उन्हें बचाने पर तुली है। ऐसे में मैंने भ्रष्टाचार के जो मामले दायर किए हैं उन सभी से हट जाऊंगा।’

स्वामी अक्सर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को पीसी कहते हैं। ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह चिदंबरम से कथित रूप से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे हैं। पूर्व में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के ठिकानों पर कई बार ईडी की ओर से छापेमारी की जा चुकी है।

सुब्रमण्यम स्वामी का यह ट्वीट ऐसे दिन आया है जब सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों-निदेशक और विशेष निदेशक के बीच भ्रष्टाचार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप से उत्पन्न संकट से पार पाने के लिए मोदी सरकार ने दोनों को अवकाश पर भेज दिया है।

क्या है मामला?


गौरतलब है कि सीबीआई ने राकेश अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी। इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया।

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया। और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया। चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया।

तेजस्वी यादव ने CBI का किया नामकरण

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने सीबीआई के आला अफसर पर लगे आरोपों के बीच बुधवार को बीजेपी पर निशाना साधा। तेजस्वी ने ट्वीट में सीबीआई का कई तरह से नामकरण किया। तेजस्वी ने कहा, 'सेंट्रल बीजेपी इनट्रूडर्स (CBI) ने करप्ट ब्रोकर्स ऑफ इंडिया (CBI) को बचाने के लिए अपने क्रूक्ड ब्यूरोक्रेट्स ऑफ इनकंपीटेंस (CBI) से क्रिमिनल बार्टर इनटेरोगेशन (CBI) के जरिए केज्ड ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को हथिया लिया।'

कल रात चौकीदार ने सीबीआई के डायरेक्टर को हटाया...

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'कल रात चौकीदार ने सीबीआई के डायरेक्टर को हटाया क्योंकि सीबीआई के डायरेक्टर ने राफेल पर सवाल उठाए थे।' राहुल ने इस मसले पर ट्वीट भी किए। उन्होंने लिखा, 'पीएम ने सीबीआई निदेशक को राफेल की जांच से रोकने के लिए हटाया। मि. 56 ने कानून तोड़ा, जब उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और नेता प्रतिपक्ष को बाइपास किया। मि. मोदी, राफेल बेहतरीन रडार से लैस एक खतरनाक विमान है। आप इससे भाग सकते हैं, लेकिन छिप नहीं सकते।'

इससे पहले उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, 'सीबीआई चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया। प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा, हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा। देश और संविधान खतरे में हैं।