बांसवाड़ा में तूफानी बारिश, 3 महिलाओं सहित 9 की मौत, इनमें एक सरपंच शामिल

बांसवाड़। बांसवाड़ा जिले में लगातार बारिश के चलते जान-माल संकट में है। बीते 24 घंटों में उफनते नदी-नालों को पार करने के प्रयास में पानी मार से अलग-अलग हादसों ने चार जानें ले लीं, तो कच्चे मकान ढहने से मलबे तले दबकर दो महिलाओं की मौत हुई। इनमें सर्वाधिक तीन घटनाएं कुशलगढ़ क्षेत्र में हुईं, जिनमें बहकर डूबे लोगों में एक सरपंच भी शामिल है। इसके अलावा आनंदपुरी क्षेत्र में एक बालिका डूबने सहित दो हादसे हुए। कसारवाड़ी और भूंगड़ा क्षेत्र में दोनों मौतें कच्चे घरों की दीवारें गिरने से हुईं। कसारवाड़ी इलाके में घटना बावड़ीपाड़ा गांव में रविवार सुबह हुई, जबकि 45 वर्षीया सुगना पत्नी दिनेशचंद्र लबाना बाड़े में मवेशियों को चारा डालने गई थी। इसी बीच कच्चे मकान की दीवार ढहकर उस पर आ गिरी और वहीं ढेर हो गई। इधर, भूंगड़ा क्षेत्र में हादसा रात को घाटे की नाल के पास हुआ, जबकि बरसाती नाले में तेज प्रवाह के बीच रपट से निकलता भंवरकड़ा निवासी 40 वर्षीय देवीलाल उर्फ देवला पुत्र विठला मईड़ा बह गया। देवला बांसवाड़ा में मजदूरी करने के बाद घर लौट रहा था। उसका शव कुछ दूर नाले के किनारे झाडिय़ों में अटका मिला।

एनिकट में मिला शव


कुशलगढ क्षेत्र में कुशलगढ़-डूंगरा मार्ग से सटे डूंगरीपाड़ा पंचायत के खेटाबाड़ी नाले को पार करने के प्रयास में 52 वर्षीय सरपंच दिनेशचंद्र पुत्र दला गरासिया बह गए। गरासिया रात को पंचायत क्षेत्र से ही बाइक पर नाले के करीब अपने घर लौट रहे थे। इसी बीच, घर के पास नाले में आए उफान में वे बह गए। देररात को बाइक नाले के करीब मिलने से हादसे के संकेत मिले। परिजनों और ग्रामीणों ने तलाश की, लेकिन रात में कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद रविवार सुबह उनका शव करीब तीन किलोमीटर दूर वागोल एनिकट में मिला।

पुलिया से बहा प्रौढ़

कुशलगढ़ के बड़वास बड़ी पंचायत अंतर्गत लूनावाड़ा गांव का 50 वर्षीय कला पुत्र नाथू कटारा दुकान से सामान लेकर घर लौट रहा था। झीकली छात्रावास के पास पुलिया पार करते समय वह नाले में बह गया। उसका शव रविवार सुबह बाकानेर खाली में मिला। इसके अलावा ऐसा ही हादसा बरसाती नाला पार करते समय रपट से हुआ, जिसमें भमरकोट निवासी 43 वर्षीय अमरसिंह पुत्र हवासिंह बह कर डूब गया। उसका भी शव काफी प्रयासों के बाद मिला।

दीवार गिरने से बुजुर्ग महिला दबी

आनंदपुरी बड़लिया पंचायत अंतर्गत खटवा गांव में एक घर की दीवार गिरने से 60 वर्षीय संतुड़ी पत्नी पूजा ताबियार की मलबे तले दबकर मौत हो गई। गनीमत रही कि जिस तरफ से दीवार गिरी, वृद्धा के पोते उसकी दूसरी तरफ सोए थे। इससे तीनों बच्चे बाल-बाल बच गए। पुलिस के अनुसार संतुड़ी के छोटे बेटे के पांच बच्चे हैं। इनमें दो बच्चों और बहू को लेकर बेटा अहमदाबाद में मजदूरी करने गया। पीछे तीन बच्चे दादी के साथ रह रहे थे। रात को चारों खाना खाकर सोए। रविवार तडक़े तेज बारिश में कच्चे घर की दीवार गिरकर टीन शेड पर गिरी और मलबे सहित शेड संतुड़ी पर आ गिरा।

मलबा हटाकर निकालने तक दम घुटने से संतुड़ी की मौत हो चुकी थी। उधर, आनंदपुरी इलाके में डोकर पंचायत क्षेत्र की दस साल की बच्ची शिल्पा पुत्री श्यामजी पानी में बहकर डूब गई। शिल्पा का परिवार कडाणा बैकवाटर के मालीपाड़ा टापू पर बसा है, जो डोकर पंचायत के अंतर्गत आता है।

सज्जनगढ़ क्षेत्र में अनास नदी के टापू पर दो दिन पहले खेती करने जाने के बाद वापसी नहीं कर पाने से फंसे किसान को एसडीआरएफ ने रविवार को निकाला। थानाधिकारी देवीलाल ने बताया कि झलकिया पंचायत के कुमपुरा गांव का रामसिंह पुत्र भूरा पटेल शुक्रवार को टापू के अपने खेत पर काम करने गया था। फिर लगातार बारिश से नदी में जल प्रवाह बढ़ा, तो निकलना मुश्किल होने से वहीं रुक गया। इसके बाद बरसात का क्रम बना रहा और वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इस पर एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई, जिसने घंटों तक प्रयास कर रामसिंह को बचाया।