मुंबई/नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का कारोबारी सत्र मुनाफे वाला रहा। बाजार के ज्यादातर सूचकांक हरे निशान में बंद हुए हैं। सेंसेक्स 204 अंक या 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,810 अंक और निफ्टी 75 अंक या 0.33 प्रतिशत बढ़कर 23,398 पर बंद हुआ है। कारोबार की शुरुआत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुख्य बेंचमार्क ने 23,481 अंक का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। लेकिन, कारोबार के दौरान निफ्टी उच्च स्तर पर टिकने में कामयाब नहीं रहा।
बीएसई के 30 शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन और एलएंडटी के शेयर 2 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए। इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट, विप्रो और बजाज फाइनेंस के शेयरों में भी एक फीसदी से ज्यादा की तेजी थी। एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड और एयरटेल के शेयर लाल निशान पर बंद हुए।
इससे पहले बुधवार को निफ्टी ने रिकॉर्ड हाई को छुआ था, जबकि सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड स्तर से थोड़ा ही दूर रह गया था। बुधवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 149.98 अंक यानी 0.20 प्रतिशत चढ़कर 76,606.57 अंक पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान एक समय यह 593.94 अंक यानी 0.77 प्रतिशत बढ़कर 77,050.53 अंक पर पहुंच गया था, जो इसके सर्वकालिक उच्चस्तर 77,079.04 से केवल 28.51 अंक दूर है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 177.1 अंक यानी 0.76 प्रतिशत बढ़कर दिन में कारोबार के दौरान 23,441.95 के अपने नए उच्चस्तर पर पहुंच गया। कारोबार के अंत में यह 58.10 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,322.95 के नए उच्चस्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 33.49 अंक की गिरावट के साथ 76,456.59 अंक पर रहा था। हालांकि, निफ्टी 5.65 अंक की मामूली बढ़त के साथ 23,264.85 पर बंद हुआ था।
पिछले एक वर्ष से भारतीय शेयर बाजार में तेजी का ट्रेंड बना हुआ है। इसका असर निफ्टी पर देखने को मिला है। निफ्टी ने बीते एक महीने में 5.88 प्रतिशत, छह महीने में 11.84 प्रतिशत, इस वर्ष की शुरुआत से अब तक 7.65 प्रतिशत और पिछले एक साल में करीब 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
निफ्टी में तेजी के पीछे की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, देश में स्थिर सरकार और कॉरपोरेट की आय में बढ़ोतरी होना है। छोटे और मझोले शेयरों में भी तेजी का ट्रेंड बना हुआ है। कारोबारी दिन में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 426 अंक या 0.79 प्रतिशत बढ़कर 54,652 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 119 अंक या 0.67 प्रतिशत बढ़कर 17,908 अंक पर बंद हुआ।
इंडिया विक्स में गुरुवार को 6.32 प्रतिशत की गिरावट हुई है और यह 13.48 पर था। सेक्टर के हिसाब से देखें तो ऑटो, आईटी, फार्मा, रियल्टी, इन्फ्रा और पीएसई बढ़कर बंद हुए हैं। एफएमसीजी, मीडिया और निजी बैंक के इंडेक्स दबाव के साथ बंद हुए हैं।
सेंसेक्स पैक में 30 में से 21 शेयर हरे निशान में बंद हुए हैं। एमएंडएम, टाइटन, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो टॉप गेनर्स थे। एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका और भारत में महंगाई कम होने से बाजार को सहारा मिला है। हालांकि, उम्मीद की जा रही थी कि फेड 2024 में कम से कम दो बार ब्याज दर में कमी करेगा, लेकिन अमेरिका के केंद्रीय बैंक द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि 2024 में ब्याज दर में एक ही बार कटौती होने की संभावना है। इस वजह से बाजारों में मिला-जुला कारोबार हुआ है।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहा, जबकि जापान का निक्की तथा चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे। अमेरिकी बाजार बुधवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य उत्पादों की कीमतों में मामूली कमी आने से खुदरा मुद्रास्फीति मई के महीने में एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई और यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में बनी रही। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82.30 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में बुधवार को लिवाल रहे और शुद्ध रूप से 426.63 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर खरीदे।