दिल्ली: 15 जून से इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में मिलेगी 'स्पुतनिक वी' वैक्सीन

भारत को बीते एक मई को रूस से 'स्पुतनिक वी' वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक की पहली खेप मिली थी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक ट्वीट में कहा था कि हैदराबाद सीमा शुल्क ने रूस से आयातित कोविड-19 वैक्सीन की खेप की निकासी की प्रक्रिया तेजी से निपटायी। डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने कहा था कि रूसी वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक की पहली खेप हैदराबाद पहुंच गई है। इसके बाद बीते एक जून को कोविड-19 रोधी टीके 'स्पुतनिक वी' की 30 लाख खुराक की एक खेप विशेष चार्टर विमान से हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाई गई। वहीं, अब आगामी 15 जून से दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में 'स्पुतनिक वी' के मिलने की उम्मीद है। समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से रविवार को यह जानकारी दी। भारत में डॉ रेड्डी प्रयोगशाला का रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के साथ भारत में 'स्पुतनिक वी' टीके की 12.5 करोड़ खुराक बेचने को लेकर करार हुआ है।

शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर रखा जाता है वैक्सीन को

'स्पुतनिक वी' टीके के भंडारण के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है इसे शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर रखा जाता है। 'स्पुतनिक वी' का विकास गामेलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने किया है और कोरोना वायरस के खिलाफ इसका असर 94.3% तक है।