सोनभद्र हत्याकांड: 32 ट्रैक्टरों पर सवार होकर आई मौत, पूरे गांव में दहशत का माहौल

सोनभद्र कांड सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे रहा है। 32 ट्रैक्टरों पर सवार होकर करीब 250 से ज्यादा लोग गांव में घुसे और स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। किसी के हाथ में गोली लगी तो किसी की टांग में गोली लगी। किसी का सिर फूटा और इस हत्याकांड ने 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने बाद पूरे उत्तर प्रदेश में माहौल पैदा कर दिया। यूपी में हुए इस खून खराबे ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। सवाल उठते हैं कि आखिर सोनभद्र में क्यों ताबड़तोड़ गोलियां चलीं? क्यों दर्जनों लोगों को लहूलुहान कर दिया गया? ये सब कैसे, कब और क्यों हुआ? पुलिस क्या कर रही थी? योगी सरकार क्या कर रही थी?

फिलहाल इस सोनभद्र नरसंहार में ग्राम प्रधान समेत 11 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नरसंहार में इस्तेमाल किए गए हथियारों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। हालांकि गोलियां बरसाने वाला ग्राम प्रधान अभी फरार है, जबकि ग्राम प्रधान के भतीजे समेत 24 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में सोनभद्र हत्याकांड के बाद सियासत गरमा गई है। सोनभद्र हत्याकांड का शोर सदन से लेकर सड़क तक सुनाई दे रहा है। सोनभद्र में हुए नरसंहार को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, उन्होंने कहा, 'इम मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। अब तक मामले में मुख्य आरोपी प्रधान समेत 25 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।'

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, 'दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सोनभद्र में हुई हत्या की जांच कमिटी करेगी। जो भी दोषी हैं उनको छोड़ा नहीं जाएगा।' बता दें कि सोनभद्र में घटना वाली जगह पर आज धारा 144 लगा दी गई है।

योगी सरकार को घेरा

रोंगटे खड़े कर देने वाली ये वारदात हाल के सालों में उत्तर प्रदेश में हुई सबसे ज्यादा खून-खराबे वाली घटना है। इस मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होने कहा, 'भाजपा-राज में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि दिन-दहाड़े हत्याओं का दौर जारी है।'

उधर सीएम योगी ने सोनभद्र कांड में मारे गए लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया है। साथ ही जिलाधिकारी सोनभद्र को निर्देश दिए हैं कि वो बताएं कि गांव वालों को पट्टे आखिर क्यों मुहैया नहीं कराए गए थे।

वही शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने के लिए निकली। वह हिंसा के पीड़ित लोगों से मुलाकात करने के इरादे से गईं लेकिन मिर्जापुर नारायणपुर पुलिस चौकी पर प्रियंका के काफिले को रोक दिया गया है। प्रियंका के इस काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया। जिसके बाद प्रियंका कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गईं। धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा, 'हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं। मैं तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे। फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।' बाद में पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं। लेकिन झुकेंगे नहीं।'

क्या है मामला?

दरअसल, बुधवार को सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के मूर्तिया गांव में जमीन कब्जाने को लेकर फायरिंग हुई थी। गांव के बाहरी इलाके में सैकड़ों बीघा खेत है जिस पर गांव के कुछ लोग पुश्तैनी तौर पर खेती करते आ रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के नाम है। ग्राम प्रधान ने एक आईएएस अधिकारी से 100 बीघा जमीन खरीदी थी। जब बुधवार सुबह 11 बजे ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर ने इस जमीन पर कब्जे करने के लिए करीब 250 से अधिक लोग और 32 ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे और जमीन जोतने की कोशिश की, तो विवाद हो गया। विरोध करने पर उन लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस वारदात में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। 1 घायल ने बाद में दम तोड़ दिया। 23 अन्य जख्मी हो गए।