सोशल मीडिया कंपनी लगा रही आपके पर्सनल डेटा पर सेंध, फेसबुक अकाउंट हो रहे हैं हैक, इस तरह बचाए अपना पर्सनल डाटा

जब से तकनिकी बढ़ी है तो उसके साथ अपराध में भी तकनिकी का इस्तेमाल होने लगा हैं। खासतौर से सोशल मीडिया कंपनीयों द्वारा आपके पर्सनल डेटा पर सेंध लगाई जा रही हैं जिससे हेकर्स द्वारा अकाउंट भी हैक किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया कंपनियां एप्प को इंस्टॉल करते वक्त यूजर से कई तरह के एक्सेस मांगती हैं जिसकी मदद से आप की हर एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जा रहा हैं। इससे हैकर्स का काम आसान हो रहा हैं। एप्प को इंस्टॉल करते वक्त यूजर से कांटेक्ट लिस्ट, एसएमएस, लोकेशन, कैमरा, माइक्रोफोन, फाइल्स का एक्सेस, कैलेंडर, कॉल हिस्ट्री सहित कई प्रकार के एक्सेस मांगे जाते है।

फेसबुक से पर्सनल डाटा ऐसे बचाएं

- फेसबुक ऐप को खोलें सेटिंग्स पर जाए प्राइवेसी शॉर्टकट्स पर जाए वहां “व्यू और क्लियर योर ऑफ फेसबुक एक्टिविटी” नाम का लिंक दिखेगा।
- इस पर क्लिक कर वहां अपना फेसबुक का पासवर्ड पुनः डालें।
- स्क्रोल करके आप यहां देख सकते हैं कि फेसबुक ने आपके फोन पर की गई सभी एक्टिविटी को रिकॉर्ड कर लिया है।
- सोशल मीडिया कंपनी यूजर के फोन में मौजूद अन्य एप्लीकेशंस पर एवं यूजर की सर्च हिस्ट्री को ट्रैक करती है, उदाहरण के तौर पर अगर यूजर गूगल पर कोई प्रोडक्ट सर्च करता है तो कुछ समय बाद उसे उसी प्रोडक्ट से संबंधित विज्ञापन फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क पर दिखना शुरू हो जाते हैं। ये आपके डाटा से ही मुमकिन है।
- क्लियर हिस्ट्री कर दें ऐसा करने से संबंधित सभी डाटा हट जाएगा।

फेसबुक अकाउंट हो रहे हैं हैक

प्राइवेसी शॉर्टकट्स पर जाए वहां “व्यू और क्लियर योर ऑफ फेसबुक एक्टिविटी” को क्लियर कर दें। ताकि हैकर को आपकी एक्टिविटी की हिस्ट्री का पता नहीं लगे।

एप्लीकेशन हटाने के बावजूद गूगल से ट्रैक करता है फेसबुक

एक बार मोबाइल में एप्लीकेशन हटाने के बावजूद भी फेसबुक गूगल के जरिए निरंतर इस प्रकार के डाटा का एक्सेस लेता रहता है। अगर किसी यूज़र ने जीपीएस बंद भी कर दिया उसके बावजूद भी फेसबुक के पास उसकी लोकेशन की सूचना रहेगी। जैसे ही वह यूजर वाईफाई या मोबाइल नेटवर्क के साथ पुनः जुड़ेगा वह सारी की सारी सूचना फेसबुक के सर्वर पर अपलोड हो जाएगी।

फेसबुक का दावा है कि वह इस सूचना के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए काम करता है। सच्चाई यह है कि फेसबुक इस प्रकार के डाटा को अलग-अलग विदेशी कंपनियों के साथ शेयर करता है ताकि वे अपने प्रोडक्ट को भारतीयों के अनुकूल बना सकें। यही कारण है कि विदेशी प्रोडक्ट आते ही देश में छा जाता है। घरेलू कंपनियों को पिछड़ना पड़ता है ।