नागौर : रक्षाबंधन पर दिखी मन को झकझोर देने वाली मार्मिक तस्वीर, बहन ने BSF जवान की चिता पर राखी बांध निभाया वादा

कल रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे देशभर में मनाया गया। लेकिन इसका एक मार्मिक नजारा देखने को मिला नागौर में जहां एक बहन ने BSF जवान की चिता पर राखी बांध अपना वादा निभाया। यह तस्वीर है हरसौर गांव की। बीएसएफ में हेड कांस्टेबल चिरंजीलाल स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में परेड में शामिल हुए थे। इस दौरान उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। 17 अगस्त को उनकी अंत्येष्टि की गई थी। चिरंजी ने अपनी बहन लक्ष्मी से कहा था कि इस बार घर पर आकर राखी बांधना, क्योंकि पिछले 4 साल से बहन राखी नहीं बांध पाई थी। आखिरकार लक्ष्मी चिरंजीलाल की चिता पर राखी बांध कर आईं।

परंपरा के मुताबिक, अंतिम संस्कार के बाद फूल चुनने के बाद चिता पर तीसरे दिन लकड़ी की टिमची पर पानी से भरी एक मटकी रखी जाती है। ये 12 दिन तक रखी रहती है। लक्ष्मी रक्षाबंधन के दिन सुबह अपनी भतीजी यानी चिरंजीलाल की बेटी सांची को साथ लेकर श्मशान पहुंची और वहां टिमची को राखी बांधी। बहन लक्ष्मी का मन अभी भी नहीं मान रहा कि उसका भाई चिरंजी अब इस दुनिया में नहीं है। बहन के चेहरे पर दर्द व बेबसी दिख रही थी। बहन ने कहा, 'भाई देश के लिए शहीद हो चुके लेकिन गर्व है कि आज वह शहीद की बहन कहलाती हैं।'

लक्ष्मी ने बताया कि चिरंजीलाल 6 साल बड़े थे। अंतिम बार भाई चिरंजी की कलाई पर राखी 2017 में बांधी थी। पिछले साल तो राखी भेज भी नहीं पाई, जिसकी उलाहना भाई ने कई बार दी थी। इसी 13 अगस्त को तो वह जयपुर मुझसे मिलने आए थे। तब कहा था, पिछली बार तो राखी भेजी भी नहीं थी, इस बार राखी पर मैं हरसौर आऊंगा, आप भी आना और राखी जरूर बांधना। साथ ही कहा, तुम्हारी बनाई भिंडी की सब्जी भी खाऊंगा। तब वह मुझे बातों ही बातों में कह गए, दोनों बेटियों का रिश्ता करना है, यह काम आपके जिम्मे है। कोई अच्छा घर-बार देखना। मुझे क्या पता था कि भाई ऐसा क्यों कह रहे हैं? मुझे याद है, 1997 में मेरी शादी में कन्यादान भी चिरंजी ने ही किया था।