रोज फ्रिज में श्रद्धा का कटा हुआ सिर देखता था आफताब..., हत्याकांड से जुड़ी 8 बड़ी बातें

दिल्ली के महरौली में हुए 27 साल की श्रद्धा के मर्डर केस में पुलिस छानबीन में जुटी है। दिल्ली पुलिस ने अब तक शव के 13 टुकड़े बरामद कर लिए हैं। दिल्ली पुलिस बाकी टुकड़ों और हथियार की तलाश में आरोपी आफताब के साथ महरौली के जंगलों में घूम रही है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि आफताब और श्रद्धा लिव-इन में रह रहे थे। इस साल मई में आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आफताब ने आरी से श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए और उन्हें जंगल में अलग-अलग जगह फेंक दिया ताकि पकड़ा न जाए। इस मामले में अब तक कई अहम जानकारियां सामने आ चुकी हैं...

मकान मालिक ने नहीं करवाया था आफताब का पुलिस वेरिफिकेशन

रिपोर्ट्स में सामने आया है क ई 28 साल के आफताब ने 15 मई को महरौली जंगल के पास फ्लैट लिया था। मकसद श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आसानी से ठिकाने लगाना था। एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है इस फ्लैट के मालिक ने किराया लेने के बाद आफताब का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या आफताब ने मकान लेते वक्त अपना धर्म भी छिपाया था?

शक न हो तो श्रद्धा का सोशल मीडिया एक्टिव रखा

आफताब गुरुग्राम में एक कंपनी में नौकरी करता था। श्रद्धा की हत्या करने के बाद किसी को शक न हो इसलिए वो रोज नौकरी पर जाता था। हालांकि, श्रद्धा को मारने के बाद अपने फ्लैट पर वो किसी को भी नहीं आने देता था। मर्डर के बाद फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में श्रद्धा को जिंदा रखने के लिए आफताब उसके इंस्टाग्राम प्रोफाइल और अकाउंट को अपडेट रखता था। वो रोज कुछ न कुछ पोस्ट करता रहता था।

रोज रात 2 बजे लोकेशन जंगल की मिली

पुलिस के पास जब श्रद्धा के पिता विकास ने अपहरण की शिकायत दर्ज की तो आफताब जांच के दायरे में आया। उसकी लोकेशन रोज रात 2 बजे महरौली के जंगलों में मिलती थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- पहले तो आफताब कहता रहा कि श्रद्धा दिल्ली छोड़कर चली गई है। जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूली और पूरी कहानी बताई।

10 दिन पहले मार देता

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब ने पूछताछ में बताया- श्रद्धा को 10 दिन पहले ही मार देता, लेकिन झगड़ा के बाद श्रद्धा इमोशनल हो गई थी। इसलिए उसने मारने का प्लान कैंसिल कर दिया। आफताब ने आगे बताया कि श्रद्धा ने फोन पर उसे किसी लड़की से बात करते हुए सुन ली थी, जिसके बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने पुलिस के सामने कबूला कि मर्डर वाले दिन यानी 18 मई से एक हफ्ते पहले ही आफताब ने श्रद्धा को मारने का मन बना लिया था। उस दिन भी श्रद्धा और आफताब का झगड़ा हुआ था। उसने कहा, 'मैंने 11 मई को ही उसे मारने की ठान ली थी कि वह अचानक से इमोशनल हो गई और रोने लगी। इसलिए मैंने तय किया कि अब इसे किसी और दिन मारूंगा।'

ऐसे आया जुर्म छिपाने का आइडिया

एक पुलिस अफसर ने कहा- आफताब वेब सीरीज और खासतौर पर क्राइम शोज देखने का आदी था। इन्हीं को देखकर उसने यह सीखा कि कैसे श्रद्धा को फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में उसे जिंदा दिखाया जाए। श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आरी से काटकर फ्रिज में सुरक्षित रखने और उसे 18 दिन तक लगातार जंगलों में ठिकाने लगाने का आइडिया भी इन्हीं क्राइम शोज से सीखा था। गूगल के जरिए उसने खून साफ करने का तरीका भी ढूंढ़ा था।

फ्रिज में श्रद्धा का कटा हुआ सिर देखता था आफताब

पुलिस पूछताछ में आफताब की दरिंदगी और हैवानियत की इंतहा भी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने जिस कमरे में श्रद्धा की डेड बॉडी के टुकड़े फ्रिज में रखे थे, वह उसी कमरे में लगातार 18 दिन सोता रहा। इतना ही नहीं वह रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के कटे हुए सिर को भी देखता था। शव के टुकड़े रखने के लिए आफताब ने 300 लीटर का फ्रीज खरीदा था। इतना ही नहीं टुकड़ों से आने वाली बदबू को दबाने के लिए अगरबत्ती जलाता था। ये सब उसने इसलिए किया ताकि सबूत मिटाए जा सकें।

श्रद्धा के टुकड़े करते कटा था आफताब का हाथ

आफताब को लेकर एक डॉक्टर अनिल कुमार का बयान सामने आया है। डॉक्टर का दावा है कि आफताब मई में सुबह के समय उनकी क्लिनिक आया था। उसका हाथ कटा हुआ था। वह बहुत आक्रामक और बेचैन लग रहा था। डॉक्टर ने बताया, 'जब मैंने चोट के बारे में पूछा तो उसने कहा कि फल काटते समय उसका हाथ कट गया था।' डॉक्टर ने कहा, 'दो दिन पहले पुलिस आफताब को लेकर मेरे क्लिनिक आई थी। मैंने सारी बातें पुलिस को बताई हैं।'

पिता को नहीं पता था कि बेटी कहां है


न्यूज एजेंसी से बातचीत में श्रद्धा के पिता विकास ने कहा- 'मेरी उससे आखिरी बार 2021 में हुई थी। तब मैंने उससे पूछा था कि तुम्हारा लिव इन पार्टनर कैसा है। उसने ज्यादा कुछ नहीं बताया था। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वो दिल्ली शिफ्ट हो गई है। उसकी एक दोस्त ने बताया कि श्रद्धा बंगलुरु में नहीं, बल्कि दिल्ली में है। आफताब को सबूत मिटाने के लिए बहुत वक्त मिल गया।'