पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) में बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का पाकिस्तान को अलग-थलग करने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में कुछ विदेशी प्रतिनिधि पाकिस्तान आने वाले हैं। इस दौरान कुरैशी ने यह भी कहा है कि वह भारत के साथ संघर्ष के पक्ष में नहीं हैं। गौरतलब है कि 14 फरवरी को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय माहौल बनाने की अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। वहीं पाकिस्तान ने भी अपने मित्र देशों के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इस मद्देनजर पहले भी कुरैशी संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर भारत की शिकायत कर चुके हैं।
इससे पहले 24 फरवरी को भी शाह महमूद कुरैशी ने भारत को गीदड़भभकी देने की कोशिश की थी। शाह ने भारत को चेताते हुए कहा, "पाकिस्तान को बुरी नज़र से देखने की भी मत सोचो।" इतना ही नहीं, शाह ने दावा किया कि उनका देश शांति चाहता है लेकिन भारत एक ‘युद्ध उन्माद’ पैदा कर रहा है। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले में गत 14 फरवरी को सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
पुलवामा हमले के मद्देनजर एक बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान तनाव को खत्म करने का प्रयास कर रहा है और उसने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है तथा इस वैश्विक संस्था के हस्तक्षेप का आग्रह किया है। इस हमले के कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इस कायरतापूर्ण कृत्य का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी गई है।
कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तान शांति चाहता है और मैं स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि भारत युद्ध उन्माद पैदा कर रहा है, लेकिन अगर उसे लगता है कि वह पाकिस्तान को दबाव में ला सकता है या हम पर हमला कर सकता है, तो उसे इस धारणा को छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्र एक मुट्ठी की तरह एकजुट है।"
कुरैशी ने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर में नर्सों, चिकित्सकों और पराचिकित्सकों की छुट्टियों को रद्द करने के लिए एक परिपत्र जारी किया है। कुरैशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि "आप लोगों को दबा सकते हैं, लेकिन उनके विचारों को नहीं।" पूर्व विदेश सचिवों और राजदूतों से रविवार को मुलाकात करने वाले कुरैशी ने कहा कि पुलवामा हमले के मद्देनजर उभरे घटनाक्रम से निपटने के लिए सूचना प्राप्त करने के वास्ते विचार-विमर्श बैठक आयोजित की गई थी।