
देश की राजधानी दिल्ली में सोने की कीमतों में लगातार दूसरे दिन बढ़ोतरी देखी गई है। इस वृद्धि के कारण सोने की कीमत 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुँच गई है। जानकारों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ऑटो टैरिफ के कारण निवेशकों में डर फैल गया है, जिससे सोने की कीमतों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा, जियो पॉलिटिकल टेंशन भी देखने को मिल रही है, जिसका असर सोने की कीमतों पर पड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहा, तो सोने की कीमतें एक बार फिर से रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं। आइए जानते हैं कि दिल्ली में वर्तमान में सोने की कीमतें कितनी हैं।
लगातार दूसरे दिन बढ़ी कीमतेंअखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, विदेशी बाजारों में मजबूत रुझान के बीच गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 365 रुपये बढ़कर 91,050 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। 99.9% शुद्धता वाली सोने की कीमत बुधवार को 90,685 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना भी 365 रुपये बढ़कर 90,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि पिछले दिन इसकी कीमत 90,235 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इसका मतलब है कि दो दिनों में सोने की कीमतों में 600 रुपये का इजाफा हो चुका है। चांदी की कीमत भी 200 रुपये बढ़कर 1,01,700 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि बुधवार को यह 1,01,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
एमसीएक्स में 800 रुपये से ज्यादा इजाफाइस बीच, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अप्रैल डिलीवरी सोना वायदा भाव 828 रुपये या 0.94 प्रतिशत बढ़कर 88,466 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुँच गया। 20 मार्च को सोने की कीमतें बढ़कर 89,796 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई थीं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 34.77 डॉलर या 1.15 प्रतिशत बढ़कर 3,054.05 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर के पास पहुँच गया। एशियाई बाजारों में, अप्रैल डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा बढ़कर 3,094.85 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुँच गया।
क्यों बढ़े गोल्ड के दाम?एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए ऑटो टैरिफ की घोषणा के बाद वैश्विक जोखिम धारणा बढ़ने के कारण सोने में बढ़त बरकरार है। एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा कि कम अमेरिकी जीडीपी डेटा और 2 अप्रैल को अमेरिका से प्रत्याशित पारस्परिक टैरिफ की उम्मीदों के कारण सोने की कीमतें 3,050 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुँच गईं। इसके अलावा, कनाडा के लिए संभावित समर्थन पर यूरोजोन के लिए अमेरिका से नए खतरों ने बाजार के जोखिमों को बढ़ा दिया है, जिससे सुरक्षित-हेवन की मांग को और बढ़ावा मिला है।
आगे क्या रह सकती है स्थितिअबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता के अनुसार, ट्रंप की नीतियों को लेकर अभी भी आशंकाएं बनी हुई हैं, लेकिन केंद्रीय बैंक आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता से बचाव के लिए सोना जमा करना जारी रखे हुए हैं, जिससे कीमती धातु की मजबूत मांग बनी हुई है। मेहता ने आगे कहा कि क्षेत्र में बढ़ते जियो-पॉलिटिकल रिस्क के साथ, सोना एक पसंदीदा सेफ हैवन के रूप में चमकना जारी रखता है। निवेशक शुक्रवार को जारी होने वाले अमेरिकी व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) डेटा का इंतजार कर रहे हैं, जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली मौद्रिक नीति चालों के लिए एक प्रमुख संकेतक है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बाजार प्रतिभागी अमेरिकी केंद्रीय बैंक की भविष्य की मौद्रिक नीति के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी के लिए कई फेडरल रिजर्व अधिकारियों के भाषणों पर भी बारीकी से नज़र रखेंगे।