सीलमपुर हिंसा: बस ड्राइवर की समझदारी की वजह से सुरक्षित घर पहुंचा स्कूली बच्चा

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन जारी है। जामिया इलाके में सोमवार को हुई हिंसा के बाद मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शन के दौरान कई गाड़ियों के शीशे तोड़े गए। पथराव में कुछ पुलिसवाले और प्रदर्शनकारी घायल हुए। इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक स्कूल बस भी भीड़ के बीच फंस गई। ऐसे हालात में बस ड्राइवर ने समझदारी से काम लिया और बस में बचे आखिरी बच्चे को सही सलामत उसके घर पहुंचा दिया। दरअसल, चालक ने बस में बचे आखिरी बच्चे के माता-पिता को फोन करके निर्धारित स्थान से कुछ मीटर पहले ही बुला लिया और बच्चे को उन्हें सौंप दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस बस पर भी पथराव किया।

विवेक विहार स्थित अरवाचीन भारती भगवान सीनियर सेंकेंडरी स्कूल के परिवहन प्रबंधक चंद्रशेखर के मुताबिक, बस में 25-30 छात्र थे, जिन्हें सीलमपुर और जाफराबाद में छोड़ा जाना था। हालांकि, बस में उस वक्त सिर्फ एक ही छात्र था, जब एक पत्थर बस के शीशे पर आकर लगा।

चंद्रशेखर ने कहा कि यह पत्थर प्रदर्शनकारियों ने नहीं फेंका था, बल्कि जाफराबाद में स्थित किसी घर में से फेंका गया था। इस पर ड्राइवर को अंदाजा हो गया कि स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है और उसने बस में बैठे छात्र के माता-पिता को कॉल किया। उन्होंने कहा कि बच्चे को जहां छोड़ना था, बस उससे कुछ मीटर की दूरी पर थी लेकिन चालक ने उसके माता-पिता को कॉल करके निर्धारित स्टॉप से पहले बुला लिया। चंद्रशेखर ने बताया कि माता-पिता को बच्चे को सुरक्षित सौंपने के बाद चालक यू-टर्न लेकर बस को विवेक विहार जाने लगा लेकिन यह बस प्रदर्शनकारियों के बीच फंस गई और प्रदर्शनकारियों ने इस पर पथराव किया, जिसमें बस के शीशे टूट गए।