माइंस और पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने बताया कि राजस्थान में अंडरग्राउंड कोल गैसिफिकेशन (यूसीजी) और पोटाश खनन को प्रोत्साहित करने के लिए आरएसएमएम और ऑयल इंडिया मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान पोटाश के खनन के लिए आगामी बिड में संयुक्त रूप से हिस्सा लेंगे, जिससे प्रदेश में पोटाश खनन की शुरुआत की जा सके। श्री रविकान्त ने शुक्रवार को सचिवालय में ऑयल इंडिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ के साथ बैठक के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने और नए क्षेत्रों में एक्सप्लोरेशन कार्य को तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्राकृतिक गैस उत्पादन और संभावनाएं
डॉ. रणजीत रथ ने बताया कि ऑयल इंडिया फलौदी-बिकानेर क्षेत्र के डीएसएफ भाखरी टिब्बा से राज्य सरकार के रामगढ़ प्लांट को बिजली उत्पादन के लिए 7 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस प्रदान कर रही है। मांग बढ़ने पर गैस उत्पादन को और बढ़ाया जाएगा। डॉ. रथ ने कहा कि ऑयल इंडिया भाखरी टिब्बा क्षेत्र में 20 नए कुओं में एक्सप्लोरेशन करना चाहती है और इसके परिणाम के आधार पर गैस उत्पादन आरंभ करेगी। इस कार्य के लिए कोलोनाइजेशन डिपार्टमेंट से अनापत्ति मिलने की प्रक्रिया जारी है।
डॉ. रथ ने बताया कि ऑयल इंडिया, राज्य सरकार के साथ मिलकर न केवल ऑयल और गैस बल्कि पोटाश, यूसीजी और सोलर एनर्जी जैसे नए क्षेत्रों में भी कार्ययोजना बना रही है। बैठक में अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम श्री अजय शर्मा और ऑयल इंडिया एवं पेट्रोलियम विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।