
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में प्लास्टिक कचरे से सड़कें बनाने की एक अनूठी पहल शुरू की गई है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी, बल्कि टिकाऊ और मजबूत सड़कें भी तैयार करेगी। इस प्रक्रिया में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक को प्रोसेस करके सड़क निर्माण सामग्री बनाई जा रही है, जो डामर और सीमेंट से कहीं अधिक मजबूत और जलरोधक साबित हो रही है। इससे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि इस सड़क का निर्माण मुख्य रूप से नष्ट न होने वाली सिंगल यूज़ प्लास्टिक पन्नियों और मोमियों से किया जा रहा है।
औरैया जिले में बहुत जल्द प्लास्टिक से बनी एक सड़क बनाई जाएगी, जो डामर और सीसी रोड से अधिक मजबूत होगी। इसके लिए ककोर के पास स्थित आदर्श ग्राम पंचायत बूढ़ादाना में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत मशीनें स्थापित की गई हैं, जो प्लास्टिक पॉलिथिन को कतरन में बदलकर सड़क निर्माण के लिए तैयार करती हैं।
कैसे बन रही है प्लास्टिक कचरे से सामग्रीग्राम पंचायत बूढ़ादाना में प्रवेश करते ही सबसे पहले रिसोर्स रिकवरी सेंटर दिखाई देता है। यहां एक कमरे में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पन्नियां बोरियों में भरकर रखी जाती हैं, जिन्हें आसपास के खेतों, खलिहानों, गांवों, कस्बों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और सड़कों से कचरे के रूप में इकट्ठा किया जाता है। ग्राम प्रधान मोहित सिंह के अनुसार, इन सिंगल यूज़ प्लास्टिक पन्नियों, जैसे कि बिस्कुट रैपर, मसाले के रैपर आदि, जिन्हें एक बार उपयोग के बाद फेंक दिया जाता है, को आसपास की ग्राम पंचायतों से एकत्रित कर रिसोर्स रिकवरी सेंटर लाया जाता है।
10 कुंतल प्लास्टिक इकट्ठा होने पर शुरू होगा सड़क निर्माण कार्यग्राम प्रधान ने बताया कि प्लास्टिक कचरे को पहले रिसोर्स सेंटर में इकट्ठा किया जाता है, फिर छंटाई के बाद उसे प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट मशीन में डाला जाता है। इसके बाद, श्रेडर मशीन के माध्यम से इसे बारीक कतरनों में बदला जाता है, जिनसे सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क डामर और सीसी रोड से अधिक मजबूत होगी और बारिश या पानी के संपर्क में आने के बावजूद खराब नहीं होगी। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 4 कुंतल प्लास्टिक को कतरनों में बदला जा चुका है, और जब यह 10 कुंतल हो जाएगा, तो सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
यह सड़क रहेगी टिकाऊऔरैया के डीएम डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ में पहले भी प्लास्टिक मिश्रित सड़क बनाई गई थी, जो ज्यादा ड्यूरेबल और मजबूत साबित हुई है। उन्होंने कहा कि बारिश या जलजमाव के कारण डामर की सड़कों में अक्सर खराबी आ जाती है, लेकिन प्लास्टिक से बनी सड़कें पानी और जलजमाव से प्रभावित नहीं होती हैं। खास बात यह है कि डामर और सीमेंट की सड़कों की तुलना में प्लास्टिक से निर्मित सड़कें जल्दी खराब नहीं होतीं।