एक और 'सोनम रघुवंशी'...मम्मी खड़ी-खड़ी देखती रही, 9 साल के मासूम ने खोला राज, बताया कैसे हुई पापा की हत्या

अलवर: जिले के खेरली कस्बे में 8 जून की रात को हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में बड़ा खुलासा सामने आया है। संदिग्ध परिस्थिति में हुई वीरू की मौत को पहले तो साइलेंट हार्ट अटैक बताया गया था, लेकिन अब उसके 9 साल के मासूम बेटे ने पूरी वारदात की चौंकाने वाली सच्चाई पुलिस को बता दी है। मासूम की गवाही के आधार पर पुलिस ने मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी और तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन आरोपी अब भी फरार हैं।

मासूम ने सुनाई दिल दहला देने वाली आपबीती


वीरू के बेटे ने बताया, “पापा रात को घर आए थे और मुझे मोबाइल चार्ज पर लगाने को कहा था। मैं टीवी देखने लग गया, फिर मम्मी ने कहा, ‘सो जा, वरना सुबह उठेगा नहीं।’ मैं बाहर सो गया।” मासूम ने कहा कि थोड़ी देर बाद घर में काशी आया, मम्मी ने दरवाजा खोला। “खाट की आवाज से मेरी नींद खुल गई, काशी के साथ चार लोग और थे। मम्मी ने पापा का हाथ मोड़ा। जब मैं पापा को बचाने गया तो काशी ने मुझे गोदी में लेकर खाट पर सुला दिया। मैं छिप-छिपकर सब देख रहा था।”

हत्या का पूरा मंजर देखा मासूम ने

बच्चे ने आगे बताया, “काशी ने पापा के मुंह पर तकिया रखकर उनकी गर्दन पर स्वापी लगा दी। फिर उनके गाल पर मुक्के मारे और पैरों को मोड़ा। मम्मी खड़ी-खड़ी यह सब देखती रही।” मासूम का कहना है, “पापा जब बाहर जाते थे, तब काशी चाचा घर आता था। अब मुझे मम्मी बहुत बेकार लग रही हैं, क्योंकि उन्होंने ही मेरे पापा को मरवाया है। मैं अब अपनी बड़ी मम्मी के पास रह रहा हूं। पापा की आत्मा को शांति मिले, मैं यही चाहता हूं।”

हत्या की सुपारी थी दो लाख रुपए

खेरली थानाधिकारी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल के आसपास लगे 150 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले। जांच में सामने आया कि वीरू की पत्नी ने अपने प्रेमी काशीराम प्रजापत उर्फ काशी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची। इसके लिए दो लाख रुपये में चार और बदमाशों को सुपारी दी गई थी।

गिरफ्तार हुए मुख्य आरोपी

अब तक इस मामले में वीरू की पत्नी, उसका प्रेमी काशीराम प्रजापत और ब्रजेश जाटव को गिरफ्तार किया जा चुका है। तीन अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं। पुलिस का कहना है कि यह हत्या पूरी तरह सुनियोजित थी और इसमें मासूम बेटे की आंखों से देखी गई गवाही सबसे बड़ा सुराग बनी।