जेल में बंद रिया, जमानत के लिए आज हाईकोर्ट जा सकते हैं उनके वकील

सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput) के बाद ड्रग कनेक्शन मामले में उनकी गर्लफ्रेंड और बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक समेत 6 आरोपियों की जमानत मुंबई की सेशंस कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

आज सोमवार को रिया समेत सभी आरोपियों के वकील हाईकोर्ट में उनकी जमानत की याचिका दाखिल कर सकते हैं। सभी 6 आरोपियों में रिया, शोविक, दीपेश सावंत, सैमुअल मिरांडा, जैद, बासित परिहार शामिल हैं। सेशंस कोर्ट ने रिया और बाकियों की जमानत पर फैसला शुक्रवार 11 सितंबर को सुनाया था। इसके बाद सभी के वकील ने कहा था कि अब वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। लेकिन बीच में शनिवार और रविवार होने के चलते कोर्ट बंद थे। अब सोमवार के दिन रिया समेत बाकियों के वकील जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दे सकते हैं। अगर रिया चक्रवर्ती को हाईकोर्ट से भी बेल नहीं मिलती तो एक्ट्रेस को 22 सितंबर तक भायखला जेल में रहना पड़ेगा।

आपको बता दे, रिया की बेल की अपील दो बार खारिज हो चुकी है। जेल में रिया के दिन काफी मुश्किल से कट रहे हैं। रिया को सुरक्षा के मद्देनजर अलग जेल में रखा गया है। इसी जेल में इंद्राणी मुखर्जी भी कैद हैं।

रिया को एनसीबी ने ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया है। रिया और उनके भाई शोविक के ड्रग्स चैट सामने आए थे। दोनों के कई ड्रग्स पैडलर्स संग कनेक्शन भी देखने को मिले। शोविक और रिया दोनों ने ही अपने बयान में एनसीबी को बताया था कि वे सुशांत के लिए ये ड्रग्स खरीदा करते थे।

कम से कम दस वर्ष की सजा का प्रावधान

आपको बता दे, एनसीबी ने रिया को नारकोटिक ड्रग्‍स एंड साइकोट्रोपिक सब्‍सटेंस एक्‍ट (NDPS Act) की धारा 8c, धारा 20b, धारा 27A, धारा 28 और 29 के तहत गिरफ्तार किया है। इन सभी में कम से कम दस वर्ष की सजा का प्रावधान है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वकील हरि प्रकाश आदित्‍य मानते हैं कि जिन धाराओं के तहत रिया को आरोपी बनाया गया है वे सभी काफी संगीन है। यही वजह है कि इनमें आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल होता है। रिया के पास अब हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्‍प खुला है। यहां जाने से पहले उन्‍हें अच्‍छी तैयारी करनी होंगी। रिया के वकील को कुछ नई दलीलें हाईकोर्ट में देनी होंगी। क्‍योंकि जिन दावों को निचली अदालत नहीं मान रही है उन्‍हें मुमकिन है कि हाईकोर्ट भी ज्‍यादा तवज्‍जो न दे। यदि वहां से भी उनकी जमानत याचिका खारिज हो जाती है तो सुप्रीम कोर्ट अंतिम विकल्‍प बचता है। ये विकल्‍प आखिरी भी है और कुछ मुश्किल भी है।

आदित्‍य का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट से भी रिया को जमानत नहीं मिलती है तो उन्‍हें 14 दिनों तक जेल में ही रहना होगा। न्‍यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद उन्‍हें दोबारा एनडीपीएस की विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया जएगा। यहां पर एनसीबी उन्‍हें दोबारा न्‍यायिक हिरासत में भेजने की अपील कर सकती है। इसके स्‍वीकार या खारिज करने पर ही वो जेल से बाहर आ सकेंगी। उनके मुताबिक सीआरपीसी की धारा 167 के तहत किसी भी आरोपी को एक बार में 14 दिनों से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इस अवधि के बाद उसको जज के सामने प्रस्‍तुत करना अनिवार्य होता है। उनके मुताबिक एनडीपीएस एक्‍ट के तहत छह माह के अंदर चार्जशीट फाइल करनी होती है। आदित्‍य के मुताबिक इस मामले में अभी जांच शुरुआती दौर में हैं ऐसे में कोर्ट से जमानत मिलना मुश्किल होता है। हाईप्रोफाइल मामलों में ये इसलिए भी मुश्किल होता है क्‍योंकि वहां पर सुबूतों से छेड़छाड़ की संभावना अधिक होती है।