बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पास, भाजपा ने दिया समर्थन

पटना। बिहार विधानसभा में गुरुवार को आरक्षण संशोधन विधेयक पास कर दिया गया है। बिहार विधानसभा में दोपहर 2 बजे कार्यवाही शुरू होते ही 75 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक सर्व सहमति से पारित हो गया। नीतीश सरकार ने बिहार में जातिगत आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 65% करने और आरक्षण 75 फीसदी तक ले जाने फैसला लिया था, जिसके बाद आज विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया गया था, जिसे सभी सदस्यों की सहमति से पास कर दिया है।

भाजपा ने दिया समर्थन

विपक्ष में बैठी भाजपा ने भी इस बिल को अपना समर्थन दिया। हालांकि, भाजपा ने बिल पर चर्चा के वक्त ही इस बिल को सर्व सहमति से पास कराने की मांग थी। विधानसभा अध्यक्ष ने बिल के सभी खंड को पास कर दिया। इसके बाद बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आरक्षण बढ़ाने का फैसला सभी सदस्यों से बात कर लिया गया था। अब बिल सदन में पेश कर दिया गया है, इसलिए सभी सदस्य अब बिना आपत्ति किए आरक्षण संशोधन विधेयक सर्व सहमति से पास कर दें। इसके बाद विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक सर्व सहमति से पारित कर दिया गया।

गौरतलब है कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है जहां आरक्षण की सीमा 75% तक करने का सरकार ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। जदयू राजद और कांग्रेस की महागठबंधन की सरकार ने कैबिनेट से इसके लिए प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। नीतीश सरकार ने पिछड़ा वर्ग ओबीसी के लिए 18 फीसदी, अति पिछड़ा ओबीसी के लिए 25 फीसदी, एससी के लिए 20 फीसदी और एसटी के लिए दो फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव पास किया है।

सीएम नीतीश कुमार बोले- मेरी मूर्खता से यह मुख्यमंत्री बन गया

विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच जमकर नोंकझोंक हो हुई। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जाति आधारित गणना और आरक्षण पर सवाल उठाया। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से सदन में भड़क गए। इसको कुछ आइडिया है। मेरी गलती थी, मेरी मूर्खता से यह मुख्यमंत्री बन गया। इसको कोई सेंस है। जब मुख्यमंत्री बनाए थे तो मेरी पार्टी के लोग हमको कहने लगे कि ई तो गड़बड़ है, इनको हटाइए। उन्होंने भाजपा से पूछा कि नारा लगा रहे हो, पूछो कि किसने मुख्यमंत्री बनाया। सीएम ने भाजपा नेताओं से कहा कि आप लोग इन्हें क्यों नहीं राज्यपाल बना देते हैं। इसलिए यह भाजपा के साथ गए। इसके बाद भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि सदन में पूर्व दलित मुख्यमंत्री को बोलने दिया जाए। उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। सीएम फिर खड़े हो गए गुस्से में कहा कि मैंने ही इन्हे मुख्यमंत्री बनाया। अब यह राज्यपाल बनना चाहता है।