रीट पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट ने किया CBI जांच से इनकार, HC की निगरानी में SOG करेगी जांच

राजस्थान में रीट पेपर लीक मामले में लगातार विपक्ष द्वारा CBI जांच की मांग की जा रही थी लेकिन राज्य सरकार SOG से जांच करा रहा है। इस मामले में ABVP ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाईं थी जिसमें सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की डिविजनल बेंच ने मौजूदा परिस्थितियों में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं मानी है। कोर्ट ने SOG की जांच पर ही प्रथम दृष्टया संतुष्टि जताते हुए कहा मौजूदा परिस्थितियों में CBI जांच और उसकी दखल की जरूरत नहीं है।

एबीवीपी की ओर से कोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट आयुष मल्ल ने बताया कि कोर्ट ने स्कैम में रसूखदार लोगों का इनवॉल्वमेंट मानते हुए पूरी इन्वेस्टिगेशन को अपने अंडर में सुपरवाइज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट रूम में मौजूद SOG के अफसरों को 4 हफ्ते में जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा। साथ ही चेताया कि अगर कोर्ट जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होगा, तो स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया जाएगा।

कोर्ट ने हाईकोर्ट ने रीट अभ्यर्थी मधु नागर और भागचंद शर्मा की याचिकाओं को भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इसी केस के साथ अटैच कर दिया है। इन याचिकाओं पर भी कोर्ट एक साथ सुनवाई करेगा। 4 सप्ताह बाद 6 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी।

कोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट ने सबसे बड़ा ग्राउंड यह रखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद राजीव गांधी स्टडी सर्किल के मुखिया हैं। सीएम जब खुद राजीव गांधी स्टडी सर्किल में शामिल हैं। वही राजस्थान के गृहमंत्री हैं। गहलोत ही इस जांच की निगरानी भी कर रहे हैं, क्योंकि SOG उन्हीं को रिपोर्ट कर रही है। ऐसे में इस केस की जांच में हितों का टकराव हो रहा है।