गुजरात कांग्रेस को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में दखल देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में राज्यसभा की 2 सीटों पर अलग-अलग उप चुनाव कराने के खिलाफ कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि नोटिफिकेशन आने के बाद केवल इलेक्शन कमिशन में ही इसको चुनौती दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आप (कांग्रेस) इसे चुनाव के बाद हाईकोर्ट में चुनौती दें। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप चुनाव के बाद चुनाव याचिका दाखिल कर सकते हैं। ये आपका कानूनी अधिकार है। आयोग की अधिसूचना में दखल देना सही नहीं होगा।' चुनाव आयोग ने दो सीटों पर अलग- अलग चुनाव कराने के अपने फैसले को सही ठहराया। हलफनामे में कहा गया है कि अमित शाह और स्मृति ईरानी द्वारा खाली की गई सीटों पर अलग- अलग चुनाव कराना कानून के मुताबिक है।

दरहसल, गुजरात कांग्रेस के नेता विपक्ष परेशभाई धनानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2 सीटों के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी थी। उनकी ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की खाली सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है। गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर भी 5 जुलाई को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्यसभा सहित दोनों सदनों की सभी रिक्तियों पर उपचुनाव के लिए उन्हें ‘अलग-अलग रिक्तियां’ माना जाएगा और अलग-अलग अधिसूचना जारी की जाएगी और चुनाव भी अलग-अलग होंगे।

धनानी ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग के आदेश को असंवैधानिक, मनमाना और गैरकानूनी घोषित करते हुये इसे रद्द करने का अनुरोध किया। उन्होंने निर्वाचन आयोग को उपचुनाव एकसाथ कराने और गुजरात सहित सभी राज्यों में सारी रिक्त सीटों के लिये साथ में चुनाव कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

दरसअल, चुनाव आयोग की अधिसूचना की मुताबिक अमित शाह को लोकसभा चुनाव जीतने का प्रमाण-पत्र 23 मई को ही मिल गया था, जबकि स्मृति ईरानी को 24 मई को मिला। इससे दोनों के चुनाव में एक दिन का अंतर हो गया। इसी आधार पर आयोग ने राज्य की दोनों सीटों को अलग-अलग माना है, लेकिन चुनाव एक ही दिन होंगे। ऐसा होने से अब दोनों सीटों पर भाजपा को जीत मिल जाएगी। एक साथ चुनाव होते तो कांग्रेस को एक सीट मिल जाती। संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए। एक ही बैलट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा। इस स्थिति में कांग्रेस एक सीट आसानी से निकाल लेती, क्योंकि उसके पास 71 विधायक हैं। लेकिन चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधायक अलग-अलग वोट करेंगे। ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा। इस तरह बीजेपी के विधायक जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है वे दो बार वोट करके दोनों उम्मीदवारों को जितवा सकते हैं।