सचिन पायलट का बीजेपी पर हमला - धर्म को एक ओर रखकर राजनीति करनी चाहिए, सरकार का काम चर्च, गुरुद्वारा और मंदिर बनाना नहीं

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि दोनों सरकारें, धर्म और राजनीति का घालमेल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बीते साढ़े चार साल में कौन क्या खा रहा है और किसकी पूजा कर रहा है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। राम मंदिर के मुद्दे पर पायलट ने कहा कि उन्हें यह आश्चर्यजनक लग रहा है कि चुनाव के दस दिन पहले लोग धर्म के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं। टोंक में कांग्रेस की ओर से मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करने के सवाल पर पायलट ने कहा, 'पीने के पानी, सड़कों और उद्योगों को मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए न कि धर्म के नाम पर बीजेपी के साथ दिक्कत यह है कि उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार हर मुद्दे पर फेल रही है। ऐसे में उनके पास आखिरी मुद्दा, मंदिर, मस्जिद, जाति और भाषा ही बचता है। यह अप्रासंगिक है। लोग धर्म पर नहीं मुद्दों पर चुनाव लड़ते हैं।'

धर्म को एक ओर रखकर राजनीति करनी चाहिए : पायलट ने कहा, 'मैं यह नहीं मानता कि राजनीतिक दलों या सरकारों का काम चर्च, गुरुद्वारा और मंदिर बनाना है। उन्हें धर्म को एक ओर रखकर राजनीति करनी चाहिए, लेकिन जब सबकुछ फेल हो जाता है, जब GST, नोटबंदी, स्टैंड अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इंडया फेल हो जाए और बेरोजगारी हो और किसानों में गुस्सा हो तो उनके पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं होता। इसके बाद वह मंदिर, मस्जिद और बाकी चीजों की बात करने लगते हैं।'

राम मंदिर के मुद्दे पर पायलट ने कहा कि उन्हें यह आश्चर्यजनक लग रहा है कि चुनाव के दस दिन पहले लोग धर्म के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं।

बीजेपी के बहकावे में नहीं आएंगे : उन्होंने कहा, "बीजेपी के पास किसानों की आत्महत्या, मॉब लिंचिंग, जातिगत हिंसा और बलात्कारों की बढ़ती संख्या पर कोई जवाब नहीं है और सात दिसंबर को लोग इन मुद्दों पर वोट देंगे और बीजेपी के बहकावे में नहीं आएंगे।"

मॉब लिचिंग की कड़ी निंदा : पायलट ने राज्य में हुई मॉब लिचिंग की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती तो ऐसी घटनाओं पर शुरुआत में ही रोक लग जाती। अगले महीने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त पायलट का मानना है कि यह चुनाव साल 2019 के लिए रास्ता तैयार करेगा।

असली लड़ाई वसुंधरा राजे और अमित शाह के बीच : अपने और अशोक गहलोत के बीच अप्रत्यक्ष लड़ाई की खबरों को खारिज करते हुए पायलट ने कहा कि असली लड़ाई, वसुंधरा राजे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच है। 75 दिनों तक राज्य की बीजेपी इकाई का कोई अध्यक्ष नहीं था क्योंकि दोनों अपने मनपसंद शख्स को शीर्ष पर नियुक्त करना चाहते थे। 75 दिन बाद एक ऐसा प्रत्याशी आया जिस पर समझौता हो सका। पूरी दुनिया जानती है कि बीजेपी की केंद्रीय इकाई और राजे के बीच दरार है।

पायलट ने आगे कहा कि 'बीजेपी चाहे जितना प्रोपेगैंडा फैला ले वह जनता को बेवकूफ नहीं बना सकती। कांग्रेस ने वास्तव में एक टीम की तरह काम किया और इसी वजह से हमारे पास मजबूत प्रत्याशी हैं।'