सम्मेद शिखर के लिए अनशन पर बैठे एक और जैन मुनि ने त्यागे प्राण, गुरुवार देर रात 1 बजे छोड़ा देह

सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे एक और जैन मुनि ने गुरुवार देर रात 1 बजे अपने प्राण त्याग दिए। मुनि समर्थ सागर जो की जयपुर के सांगानेर स्थिति संघीजी दिगम्बर जैन मंदिर में आमरण अनशन कर रहे थे उनका निधन हो गया। बता दे, मुनि समर्थ सागर ने तीन दिन से अन्न का त्याग कर रखा था।

बता दे, इससे पहले इसी मंदिर में जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने 3 दिसंबर मंगलवार को प्राण त्यागे थे। मंदिर में आचार्य सुनील सागर महाराज प्रवास पर हैं और उनके सानिध्य में ही मुनि समर्थ सागर काे जैन रीति रिवाजों के साथ आज समाधि दी जाएगी। समर्थ सागर महाराज की डोल यात्रा संघी जी मंदिर से विद्याधर नगर जाएगी।

सांगानेर के संघीजी दिगम्बर जैन मंदिर के मं​त्री सुरेश कुमार जैन ने बताया कि शुक्रवार की सुबह एक बजे जैन मुनि समर्थ सागर ने अपनी देह त्याग दी। इन्होंने श्री सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अपनी देह का बलिदान दिया है, जो हमेशा याद रखा जाएगा। समर्थ सागर महाराज आचार्य सुनील सागर महाराज के ही शिष्य है।

बता दे, केंद्र सरकार ने पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर गुरुवार को तीन साल पहले जारी किया अपना आदेश वापस ले लिया, लेकिन जयपुर में अब भी इसका विरोध जारी है। जैन समाज बंधुओं का कहाना है कि केन्द्र सरकार के बाद राज्य सरकार इस पर पूरी तरह निर्णय नहीं लेती, तब तक यह विरोध जारी रहेगा।