75वाँ गणतंत्र: समारोह में चमकी राजस्थान की झांकी, दिखा भक्ति, शक्ति और संस्कृति का संगम, हस्तशिल्प ने छोड़ी छाप

नई दिल्ली। आज पूरा देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बार दिल्ली में आयोजित हो रहे गणतंत्र समारोह में मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों रहे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन पर झंडारोहण किया। उसके बाद राजपथ पर परेड के बाद देश के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियां निकालीं गईं। भारत की विविधता, सांस्कृतिक पहचान और विरासत की बानगी देखते ही बनती थी। इस दौरान राजस्थान की झांकी ने हर किसी का मन मोह लिया।

राजस्थान की झांकी राज्य की संस्कृति के साथ-साथ महिला हस्तशिल्प उद्योगों को शानदार अंदाज से दिखा रही थी। प्रदेश की झांकी में भक्ति, शक्ति और संस्कृति के रंगों का बेहद खूबसूरत संगम दिखाई दिया। भक्ति की प्रतीक मीरा बाई की वीणा पकड़े खूबसूरत मूर्ति ने सबका मन मोह लिया तो राजस्थान की पहचान घूमर नृत्य की मूर्ति शिल्प और झांकी में नृत्य करती नृतिकाओं को हर किसी ने खूब सराहा। घूमर राजस्थान का सुप्रसिद्ध पारंपरिक महिला नृत्य है जो विभिन्न उत्सवों में किया जाता है।

ऊंट पर बैठीं नजर आईं महिलाएं

ऊंट राजस्थान की संस्कृति का प्रमुख अंग है, जिसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है। झांकी में ऊंट पर राजस्थान की पारंपरिक वेशभूषा पहने राजस्थानी महिला सवार भी दर्शायी गई हैं। ऊंट के पीछे राजस्थान के स्थापत्य को हाथी युक्त विशेष तोरण द्वार, कलात्मक छतरियों युक्त मीनारों आदि को गुलाबी रंग पर सफेद रंग से सुंदरता पूर्वक अलंकृत किया गया है।

राजस्थानी हस्तशिल्प के दिखे रंग

राजस्थान खूबसूरत हस्तशिल्प का हब है। राजस्थान की हस्तशिल्प कला की ख़ास बात यह है कि, इसमें महिलाओं की भागीदारी अहम होती है। इनका संचालन महिला ही करती हैं। झांकी में इनके द्वारा बनाये गए उत्पादों की सुंदर झलक प्रस्तुत की गई। झांकी में राजस्थान की उद्यमी महिलाओं को पारंपरिक बंधेज, बगरू प्रिंट, एप्लिक वर्क का कार्य करते हुए दर्शाया गया है।