राहुल गांधी ने कहा - एक महीने के भीतर नया अध्यक्ष चुन ले पार्टी

लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस्तीफा देने पर अड़े हैं। बता दें कि शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनकी मां सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और बहन प्रियंका (Priyanka Gandhi) का नाम भी आगे न बढ़ाया जाए। मंगलवार को इसको लेकर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राहुल से उनके आवास पर मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 12 तुलगक लेन पर सबसे पहले प्रियंका पहुंचीं। इसके बाद केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और पायलट पहुंचे। कुछ देर के बाद सुरजेवाला और पायलट वहां से चले गए। इसके बाद गहलोत राहुल के आवास पर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से मुलाकात से पहले गहलोत ने अलग से प्रियंका से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी से गहलोत और पायलट की मुलाकात मुख्य रूप से राजस्थान से संदर्भ में थी जहां पर लोकसभा चुनाव में पार्टी का पूरी तरफ सफाया हो गया है। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद में जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, लेकिन पार्टी एक महीने के भीतर नया अध्यक्ष चुन ले।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाए को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी। सूत्रों और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया। गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव लड़े थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जबकि गहलोत जोधपुर में अपने बेटे के पक्ष में प्रचार के लिए कई दिनों तक डंटे रहे थे। उन्होंने 130 सभाएं की जिसमें से 93 सिर्फ अपने बेटे के समर्थन में किये। सूत्रों के मुताबिक, इन्हीं वजहों से राहुल गांधी ने नाराजगी जताई।

'हार के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो'

- राजस्थान के ट्रांसपोर्ट मंत्री प्रताप सिंह खचारियावास ने कहा, ''सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी को जवाबदेही तय करने का पूरा अधिकार दिया है। वे उसका इस्तेमाल करेंगे।'' राहुल के बयान को लेकर खचारियावास ने कहा, ''राहुल को यह कहने का पूरा अधिकार है। कोई भी उनसे ऊपर नहीं है। उन्होंने इस पर विचार करने के बाद ही कहा होगा। कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता और नेता उनके इस बयान का सम्मान करते हैं।''

- राज्य के दूसरे मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने कहा, ''हार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। राहुल गांधी ने जो कहा, वह सही है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जाएगा।''

- सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पार्टी को हार के कारणों की समीक्षा करनी चाहिए। जिससे पार्टी दोबारा वापसी करे और आने वाले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करे।

- इसके अलावा यह भी खबरें हैं कि कृषि मंत्री लालचंद्र कटारिया ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, इसे लेकर कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कई विधायकों ने नाम ना उजागर करने की शर्त पर कहा कि पार्टी में हार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

- अंजना ने सोमवार को जयपुर में कहा कि लोकसभा चुनावों के परिणाम आशाओं के विपरीत थे। बीजेपी द्वारा उठाए गए राष्ट्रवाद के मुद्दे से मतदाताओं को प्रभावित किया गया था। हमारे नेताओं ने भी पूरे प्रयास किए लेकिन यह लोगों को स्वीकार्य नहीं था। मीणा ने कहा कि कि इस समय पार्टी के उम्मीदवारों, वर्तमान और पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पदाधिकारियों से विस्तृत समीक्षा कर फीडबैक लिया जाना चाहिए।