नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने एक बार फिर विश्वास मत हासिल कर लिया है। प्रचंड कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) के नेता हैं, यह चौथी बार है जब प्रचंड ने सदन में विश्वास मत प्राप्त किया। इससे पहले मार्च माह में प्रचंड ने तीसरी बार संसद में विश्वास मत हासिल किया था। नेपाल की संसद में सोमवार को विश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान हुआ।
275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में प्रचंड को 157 सदस्यों ने समर्थन दिया। कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) यानी सीपीएन प्रतिनिधि सभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है। सीपीएन को नेपाल की कम्युनिष्ट पार्टी का भी समर्थन मिला है। नेपाल से आ रही खबरों के मुताबिक, प्रचंड नेपाल में गठबंधन की सरकार चला रहे थे। नेपाल में गठबंधन के किसी भी सदस्य के हटने के बाद वहां के प्रधानमंत्री को नेपाल की संसद में दोबारा विश्वास मत प्राप्त करना होता है।
मतदान में कुल 158 सांसदों ने हिस्सा लिया, मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया। वहीं एचओआर के एक सदस्य ने किसी को समर्थन नहीं दिया। दरअसल, पिछले सप्ताह गठबंधन सरकार के सहयोगी दल जनता समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसकी वजह से एक बार फिर प्रचंड को विश्वास मत हासिल करना पड़ा।
साल 2022 में पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ
ली थी। इसके बाद से यह चौथा मौका है जब प्रचंड ने विश्वास मत हासिल किया।
प्रंचड ने नेपाली कांग्रेस से अलग होकर नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत
मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ नया गठबंधन बनाया है। नेपाल के संविधान के
मुताबिक, सत्तारूढ़ गठबंधन से सहयोगी दल के समर्थन वापस लेने के बाद
प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है। ऐसे में सोमवार को नेपाल
की संसद में विश्वास मत को लेकर वोटिंग हुई।