पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविर पर वायुसेना की कार्रवाई की तारीफ करते हुए कांग्रेस समेत देश के 21 विपक्षी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सशस्त्र बलों के साथ खड़े रहने की बात कही। बता दें कि भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली में बैठक की। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की निंदा की गई। हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलवामा हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों के शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है।
संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हो रही इस बैठक में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी एवं गुलाम नबी आजाद, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और राजद के मनोज झा शामिल हुए। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक के टी शिवा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, झारखंड विकास मोर्चा के अशोक कुमार, ‘हम' के जीतनराम मांझी, तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के कोडानदरम, जद(एस) के कुंवर दानिश अली, केरल कांग्रेस (एम) के के. जोस मणि, और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बैठक में शिरकत की।
विपक्षी दलों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में अपने सशस्त्र बलों एवं सेना के प्रति एकजुटता का संकल्प दोहराते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है। भारतीय वायुसेना द्वारा पीओके में स्थित जैश के ठिकानों पर हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही तनातानी को लेकर 21 प्रमुख विपक्षी दलों ने दिल्ली में बैठक की। इस बैठक के खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बैठक में सभी दलों ने एक साथ मिलकर पुलवामा हमले का विरोध किया, साथ ही भारतीय वायु सेना की आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि सभी पार्टी के नेताओं ने तीनों सेनाओं के साहस और बहादुरी की सराहना की है। इस बैठक के बाद सभी दलों के नेताओं ने देश में मौजूदा सुरक्षा हालात पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सभी दलों ने सरकार से आह्वान किया कि वह भारत की संप्रभुत्त और एकता को लेकर पहले राष्ट्र को विश्वास में लें।