कोरोना पर राहुल गांधी ने जारी किया 'श्वेत पत्र', कहा - लोगों की जान PM के आंसुओं से नहीं ऑक्सीजन से बचाई जा सकती थी

देश में कोरोना के हालात को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रहे है। इसी कड़ी में मंगलवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री का कोरोना की दूसरी लहर में फोकस ऑक्सीजन पर नहीं बल्कि बंगाल पर था। लोगों की जान प्रधानमंत्री के आंसुओं से नहीं बल्कि ऑक्सीजन से बचाई जा सकती थी। कांग्रेस नेता ने कोविड मिसमैनेजमेंट पर एक रिपोर्ट भी जारी की है। उन्होंने इसे 'श्वेत पत्र' नाम दिया है।

राहुल का कहना है कि इस 'श्वेत पत्र' का मकसद कोरोना की तीसरी लहर से बचने में देश की मदद करना है। उन्होंने कहा कि सारा देश जानता है कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने वाली है, हम सरकार से इसके लिए तैयारी करने का अनुरोध करते हैं। दूसरी लहर सरकार की लापरवाही की वजह से खतरनाक हुई।

राहुल गांधी ने कहा तीसरी लहर में वो गलतियां नहीं होनी चाहिए, जो पहले की गईं। कोरोना से लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीनेशन है। सरकार को तेजी से वैक्सीनेशन ड्राइव को बढ़ाना होगा।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से देश को जो दर्द पहुंचा है, लाखों लोगों की मौत हुई है। कोरोना ने क्या किया है, ये देश जानता है। उन्होंने कहा, 'इस रिपोर्ट का मकसद उंगली उठाना नहीं है। हम गलतियों को इसलिए उभार रहे हैं, ताकि समय रहते उसे ठीक किया जा सके। समय रहते वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी। सरकार ने कदम नहीं उठाए। एक बार फिर हम वहीं खड़े हैं। तीसरी लहर आएगी। इसलिए हम कह रहे हैं कि सरकार को तैयारी करनी चाहिए।'

राहुल ने कहा कि वायरस लगातार म्यूटेड हो रहा है। एक्सपर्ट्स ने पहले ही दूसरी लहर की चेतावनी जारी की थी। इसके बाद भी सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए। इसलिए हमने इस पेपर में पूरी डीटेल के साथ उन गलतियों के बारे में बताया है और तीसरी लहर से लड़ने के लिए सुझाव भी दिए हैं। पुरानी गलतियों को सुधार कर ही थर्ड वेव से लड़ा जा सकता है।

राहुल ने कहा कि 'श्वेत पत्र' का मकसद रास्ता दिखाने का है। हमने 4 मेन पॉइंट दिए हैं।

1- तीसरी लहर की तैयारी अभी से शुरू की जाए। पिछली गलतियों को फिर से न दोहराया जाए।

2- इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। ऑक्सीजन, बेड, दवा की कमी न हो। थर्ड वेव में हर गांव, हर शहर में ऑक्सीजन जैसी सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए।

3- कोरोना बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है, यह इकोनॉमिकल-सोशल बीमारी है। इसलिए सबसे गरीब लोगों, छोटे उद्योग-धंधों को आर्थिक सहायता देने की जरूरत है। हमने न्याय योजना की सलाह दी है। अगर प्रधानमंत्री को नाम नहीं पसंद, तो वे योजना का नाम बदल सकते हैं। इससे गरीबों तक सीधे आर्थिक मदद पहुंचाई जा सकेगी।

4- कोविड कंपंसेशन फंड बनाया जाए। जिन परिवारों में किसी मौत कोरोना से मौत हुई है, उन्हें इस फंड से सहायता राशि दी जाए।

दूसरी लहर में रोकी जा सकती थीं 90% मौतें : राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि दो तरीकों की कोविड डेथ होती है।

पहली- ऐसी जो नहीं होनी चाहिए थी, जिन्हें बचाया जा सकता था।

दूसरी- जिन्हें कई गंभीर बीमारियां हईं।

भारत में कोरोना की दूसरी लहर में 90% मौतें बेवजह थीं। इन्हें बचाया जा सकता था। इसका सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की कमीरही। मैंने कई डॉक्टर्स से बात की, उनका कहना है कि अगर समय रहते ऑक्सीजन मिल जाती तो इन मौतों का टाला जा सकता था। हमारे देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।

देश में चल रही राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े सवालों पर राहुल गांधी ने कहा कि राजनीति में क्या चल रहा है? उस पर बात कर कोरोना से ध्यान भटकाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों से समान व्यवहार करे। यह जिंदगी और मौत का सवाल है। सभी राज्यों को समान तरीके से टीका उपलब्ध करवाना चाहिए। इसमें पूर्वाग्रह नहीं आना चाहिए। बीजेपी सरकार-कांग्रेस सरकार में प्रतियोगिता नहीं करवानी चाहिए।