कांग्रेस की आज ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली, इन मुद्दों को लेकर रामलीला मैदान में राहुल गांधी बीजेपी पर करेंगे हमला

दिल्ली के रामलीला मैदान में आज कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में वृद्धि को लेकर की रैली करने जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेता ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली को संबोधित करेंगे। इसमें देश के अन्य हिस्सों के अलावा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इलाज के लिए देश से बाहर गई हैं और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी उनके साथ गई हैं, इस कारण दोनों कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगी। राहुल गांधी भी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ विदेश में थे, लेकिन वो लौट आए हैं और आज रैली में हिस्सा लेंगे।

यह रैली 7 सितंबर से कन्याकुमारी से कश्मीर तक विपक्षी पार्टी की 3,500 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले हो रही है, जहां राहुल गांधी देश भर में यात्रा कर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर जोर देंगे और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देंगे। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कांग्रेस पार्टी का अब तक का सबसे बड़ा जनसंपर्क कार्यक्रम है, जहां पार्टी के नेता जमीनी स्तर पर आम लोगों तक पहुंचेंगे। कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार पर हमला करती रही है और कहती रही है कि ये आम लोगों के मुद्दे हैं और इस पर सभी मंचों पर चर्चा होनी चाहिए।

बीजेपी पर लगाए उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने का आरोप

पार्टी महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन और कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस की ‘महंगाई पर हल्ला-बोल’ रैली से एक दिन पहले रामलीला मैदान में केंद्र सरकार पर अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया। रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके प्रवक्ता महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस के अभियान तथा ‘भारत जोड़ो’ यात्रा से ध्यान भटकाने की कोशिश कर कर रहे हैं।

माकन ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, संसद और सड़क पर महंगाई के खिलाफ और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। देश के अंदर महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है, लेकिन सरकार असंवेदनशील बनी हुई है। मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों के कार्यकाल को देखें तो यह सवाल उठता है कि क्या किसी तरह से कर में कटौती हुई, क्या जनता को किसी तरह की राहत दी गई? माकन ने दावा किया कि सिर्फ कॉरपोरेट कर में कटौती की गई ताकि सरकार के उद्योगपति मित्रों को फायदा मिल सके।'